Eye Care: जिन लोगों की आंख से पानी आता है, उन्हें करना चाहिए ये काम, तुरंत मिलने लगेगा आराम
Advertisement
trendingNow11008521

Eye Care: जिन लोगों की आंख से पानी आता है, उन्हें करना चाहिए ये काम, तुरंत मिलने लगेगा आराम

Eye Care: अगर आप मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर के आगे काफी समय बिताते हैं, तो इस ट्रिक को जरूर अपनाएं.

सांकेतिक तस्वीर

आज लाखों लोग कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन को अपनी दैनिक जरूरत की तरह इस्तेमाल करते हैं. कंप्यूटर स्क्रीन की चमक और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल के कारण आंखों में थकान , धुंधली दृष्टि, सिरदर्द, सूखी आंखें और आई स्ट्रेन जैसे कई अन्य लक्षण भी सामने आ सकते हैं. लगभग 80% लोग कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं और कंप्यूटर के कारण होने वाली आंखों की समस्याओं को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) कहा जाता है. इन समस्याओं से बचने के लिए ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अदिति शर्मा ने 20:20:20 रूल को फॉलो करने की सलाह दी है.

क्या है आंखों के लिए 20:20:20 रूल?
आंख रोत्र विशेषज्ञ डॉ. अदिति शर्मा ने बताया कि, जो लोग अत्यधिक मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि इस्तेमाल करते हैं. उन्हें 20:20:20 रूल अपनाना चाहिए. इस रूल के अंदर आपको हर 20 मिनट बाद 20 सेकेंड के लिए कम से कम 20 फीट दूर की चीज को देखना चाहिए. इससे आंखों की मसल्स पर अत्यधिक तनाव पड़ने से बच जाता है.

ये भी पढ़ें: Eye Care Tips: इन 7 आदतों को तुरंत छोड़ दें, वरना आंखों से दिखना हो जाएगा बंद

Eye problem symptoms: इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
डॉ. अदिति शर्मा के मुताबिक, उम्र बढ़ने के साथ हमारी आंखों की दृष्टि भी कमजोर होने लगती है. लेकिन हम यदि अपने खानपान पर ध्यान दें और सुबह उठकर टहलने, योग, एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें, तो इस समस्या से जल्द से जल्द बचा जा सकता है. आइए आंखों की समस्या के लक्षण जान लेते हैं.

  • आंखों या सिर में भारीपन और धुंधला दिखाई देना
  • आंखें लाल होना और उससे पानी आना
  • आंखों में खुजली होना
  • रंगों का साफ दिखाई न देना
  • लगातार सिरदर्द की शिकायत रहना और आंखों में थकावट होना

Watery Eyes Solution: आंख से पानी आए तो क्या करें?
अगर आपकी आंखों से लगातार पानी निकल रहा है और साथ ही हल्की सूजन आ गई है तो ऐसे में आप तुरंत अपनी आंखों की सिकाई करें. इसके लिए आपको एक साफ कपड़ा लेना है और साथ ही गर्म पानी में उसे हल्का से भिगोकर उससे सिकाई करनी है. साथ ही जलन और खुजली आदि से बचने के लिए आपको बार-बार आंखों को नहीं धोना है. केवल दिन में 2 बार ठंडे पानी से धोएं.

ये भी पढ़ें: Food Day: रात की बासी रोटी खाने से भाग जाएंगी ये बीमारियां, बस सही वक्त और तरीका जान लें

आंखों में भारीपन क्यों होता है?
ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का लेवल बढ़ने के कारण आंखों पर दबाव बढ़ता है. जिससे भारीपन महसूस होता है और यही भारीपन ग्लूकोमा या काला मोतिया बन जाता है. अगर इसका समय रहते इलाज न कराया जाए तो व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो जाता है. 40 साल के बाद यह समस्या ज्यादातर लोगों में दिखाई देती है. सब्जियों का सूप आंखों की समस्या को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद होता है.

ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome) क्या है?
यह एक ऐसी समस्या है जिससे आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बन पाते , लंबे समय तक मोबाइल लैपटॉप का इस्तेमाल करने से यह समस्या होती है.
इससे बचने के लिए डॉक्टर द्वारा दिये गए ड्रॉप का इस्तेमाल  करें और अपनी स्क्रीन टाइम को कम करें.

बच्चों में रखें विशेष ध्यान
बच्चों में आंखों की एलर्जी कुछ कॉस्मेटिक उत्पादों और आंख के ड्रॉप्स से भी हो सकती है, जिनका उपयोग आंखों में सूखापन का इलाज करने के लिए किया जाता है.बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा आंखों में ना डालें और धूल, मिट्टी से बचें.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

Trending news