देश में 13 प्रतिशत आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के खर्चे वहन नहीं कर सकती है. ये खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry Report) की रिपोर्ट में किया गया है.
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नई दिल्ली: देश में बुजुर्गों की औसत उम्र बढ़ रही है. इसका कारण देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का बढ़ना है. यह दावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry Report) की ओर से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों में किया गया.
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक (Union Health Ministry Report) भारत में बुजुर्गों पर हर महीने होने वाला औसत खर्च 2967 रुपए है. इनमें से 21 प्रतिशत को साल में एक बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. देश में 13 प्रतिशत आबादी के लिए स्वास्थ्य के खर्चे जेब से बाहर हैं.
देश के उन परिवारों में जहां 60 वर्ष से कम उम्र के लोग हैं. वहां पर आमदनी 4098 रुपये होती है और खर्च 3001 रुपये आता है. वहीं जिन परिवारों में 60 वर्ष से ऊपर का कम से कम एक व्यक्ति है. वहां पर आमदनी घटकर 3568 रुपये रह जाती है और खर्च बढ़कर 2948 रुपये हो जाता है.
मंत्रालय की रिपोर्ट (Union Health Ministry Report) के अनुसार देश में 48 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनकी आर्थिक हालत औसत है. वहीं 10 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वे अच्छी हालत में हैं. देश में 3 प्रतिशत को लगता है कि वे अमीर हैं. वहीं 32 प्रतिशत के मुताबिक वे औसत से नीचे की आर्थिक हालत में हैं. देश में 8 प्रतिशत के मुताबिक उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब है.
रिपोर्ट (Union Health Ministry Report) पर यकीन करें तो भारत में लोग अपनी कमाई की एक चौथाई रकम किराया देने में खर्च कर देते हैं. देश में 95 प्रतिशत ग्रामीणों के पास अपना घर है. वहीं शहर में 77 प्रतिशत लोगों के पास अपने घर हैं. गांवों में 47 प्रतिशत लोगों ने अपना घर खुद बनाया, जबकि 42 प्रतिशत को घर विरासत में मिला है. वहीं 5 प्रतिशत ने घर खरीदा है.
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भारत में 46 प्रतिशत लोगों के पास अपनी कोई ज़मीन नहीं है. रिपोर्ट कहती है 87 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन है. कुल 52 प्रतिशत के पास वाहन है. लेकिन केवल 7 प्रतिशत के पास कार है.
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