सुबह उठकर जरूर करें ये आसन, लचीला बन जाएगा शरीर, सेहत को मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे
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सुबह उठकर जरूर करें ये आसन, लचीला बन जाएगा शरीर, सेहत को मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे

benefits of Viparita Dandasana:  आज हम आपके लिए लेकर आए हैं विपरीत दंडासन के फायदे. जानिए इसे करने का तरीका...

benefits of Viparita Dandasana

benefits of Viparita Dandasana: शरीर को लचीला बनाने के लिए विपरीत दंडासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद है. विपरीत दंडासन या इनवर्टेड स्टाफ पोज का अभ्यास शरीर को लचीला बनाने के अलावा मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. चलिए आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...

क्या है विपरीत दंडासन
विपरीत दंडासन संस्कृत भाषा का शब्द है, जो तीन शब्दों से मिलकर बना है. पहले शब्द‘विपरीत (Viparita)’ का अर्थ उल्टा या (Inverted) होता है.  दूसरे शब्द ‘दंड (Danda)’ का अर्थ डंडा या (Staff) होता है. वहीं तीसरे शब्द ‘आसन’ का अर्थ, विशेष परिस्थिति में बैठने, लेटने या खड़े होने की मुद्रा, स्थिति या पोश्चर (Posture) से है.  अंग्रेजी भाषा में विपरीत दंडासन को Inverted Staff Pose कहा जाता है. ये सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. 

विपरीत दंडासन करने की विधि

  • सबसे पहले किसी साफ जगह पर योगा मैट बिछा लें.
  • अब शवासन की मुद्रा में आयें और दोनों पैरों की एड़ियों को धीरे-धीरे मोड़ें.
  • अब इन एड़ियों को मोड़कर घुटने के नीचे लाएं.
  • फिर हाथों को मोड़ते हुए फर्श पर अपने कानों के बगल में रखें.
  • अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को धड़ से दूर कर लें.
  • फिर अपने कंधे, हिप्स और सिर को हवा में उठाएं.
  • अब हाथों को मोड़कर सिर और पैरों के बीच में रखें.
  • धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए बाएं हाथ को सिर के पीछे ले जाएं.
  • इसके बाद दाहिने हाथ को भी पीछे ले लें.
  • दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें.
  • फिर सिर को उठा कर फर्श पर ले जाएं.
  • सांसों की गति को धीमा रखने की कोशिश करें.
  • थोड़ी देर इस पोजीशन में रहें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आयें.

विपरीत दंडासन के जबरदस्त फायदे (Tremendous benefits of Viparita Dandasana)

  1. शरीर को लचीला बनाने के लिए फायदेमंद माना जाता है.
  2. रीढ़ की हड्डी, हैमस्ट्रिंग, कंधे, गर्दन और पेट की मांसपेशियों को फायदा मिलता है.
  3. दिमाग शांत करने के साथ एंग्जाइटी लेवल को कम करता है
  4. इसके नियमित अभ्यास से पाचन प्रक्रिया को मजबूती मिलती है.
  5. साइटिका की समस्या में भी बहुत उपयोगी माना जाता है. 
  6. इसका अभ्यास आपकी हैमस्ट्रिंग को खोलने में मदद करता है.

रखें ये सावधानियां

  • धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं.
  • कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें.
  • वॉर्मअप के बाद ही इसे करें
  • योग्य योग गुरु की देखरेख में आसन का अभ्यास करें.
  • पेट में दर्द होने पर इसे न करें.

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