वर्ल्ड स्ट्रोक डे: इन टिप्स को अपनाकर कम करें 'स्ट्रोक' का रिस्क
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे: इन टिप्स को अपनाकर कम करें 'स्ट्रोक' का रिस्क

स्ट्रोक (पक्षाघात) को 'ब्रेन स्ट्रोक' के तौर पर भी जाना जाता है। जब अचानक ब्रेन के किसी हिस्से मे ब्लड का फ्लो रुक जाती है या दीमाग की कोई रक्त वाहिका फट जाती है तो 'ब्रेन स्ट्रोक' का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक आने पर व्यक्कि के शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है।

वर्ल्ड स्ट्रोक डे: इन टिप्स को अपनाकर कम करें 'स्ट्रोक' का रिस्क

नई दिल्ली: स्ट्रोक (पक्षाघात) को 'ब्रेन स्ट्रोक' के तौर पर भी जाना जाता है। जब अचानक ब्रेन के किसी हिस्से मे ब्लड का फ्लो रुक जाता है या दीमाग की कोई रक्त वाहिका फट जाती है तो 'ब्रेन स्ट्रोक' का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक आने पर व्यक्कि के शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है।

स्ट्रोक एक घातक बीमारी है। इसे सीवीए (केरेब्रोवैस्कुलर एक्सीडेंट) और सीवीआई ( केरेब्रोवैस्कुलर इंसल्ट) भी कहा जाता है। स्ट्रोक किसी को भी किसी वक्त पड़ सकता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 17 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवेस्कुलर डिजीज खासतौर पर हार्ट अटैक से होती है। वैश्विक स्तर पर स्ट्रोक से हर साल 3 मिलियन महिलाओं और 2.5 मिलियन पुरुषों की मौत होती है। 60 साल से ज्यादा उम्र में लोगों की मौत की एक प्रमुख वजह स्ट्रोक ही है। इसके अलावा, 15 से 59 साल के लोगों की मौत के पांच कारणों में स्ट्रोक भी एक है। 

कुछ अहम सावधानियों को अपनाकर स्ट्रोक से बचाव संभव है। 

-वजन बढ़ने से स्ट्रोक का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए, स्ट्रोक से बचाव के लिए वजन पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। 

-हेल्थी डाइट लेने से भी स्ट्रोक से बचाव संभव है। अगर, आप स्ट्रोक से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट में फलों, सब्जियों और लॉ सोडियम वाले भोजन को शामिल करें। 

-ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रोल लेने से भी बचे। 

-स्मोकिंग और एल्कोहल के सेवन से बचें। स्मोकिंग स्ट्रोक के खतरे को दुगुना कर देती है। 

- व्यायाम करने से स्ट्रोक से बचाव संभव है।

 

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