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नई दिल्ली: फेक ड्राइविंग लाइसेंस (Fake Driving License) के आधार पर भर्ती हुए 12 पुलिसकर्मियों को डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अपने विभाग से बर्खास्त कर दिया है. ये भर्तियां 2007 में हुई थीं लेकिन अब 14 साल बाद इन ड्राइवर्स को नौकरी से हटा दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक साल 2007 में दिल्ली पुलिस में ड्राइवर्स की भर्ती के लिए न्यूजपेपर में विज्ञापन दिया गया था. जिसमें करीब 600 से ज्यादा ड्राइवर्स भर्ती किए गए थे लेकिन इस फेक ड्राइविंग लाइसेंस का तब पता चला जब साल 2012 में सुल्तान सिंह नाम के शख्स ने ड्राइवर के पद के लिए आवेदन किया. इसने भी मथुरा से बनाया हुआ लाइसेंस शो किया था. जब स्पेशल ब्रांच ने सुल्तान सिंह के ड्राइविंग लाइसेंस की वेरिफिकेशन की तो पता चला कि ये लाइसेंस तो मथुरा RTO के द्वारा जारी ही नहीं किया गया है. जिसके बाद शक होने पर साल 2007 में भर्ती हुए 81 उम्मीदवारों के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई.
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इसके बाद पुलिस को अपने विभाग में हुई फेक भर्ती के बारे में पता चला और जांच के लिए कागजात मथुरा आरटीओ के ऑफिस भेजे गए. जिसके बाद साल 2019 में पता चला कि 31 लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड ही उनके पास नहीं है. इसके बाद मॉडल टाउन थाना इलाके में स्थित पीसीआर के हेड ऑफिस में 12 कॉन्स्टेबल (जो ड्राइवर के पद पर थे) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर छत्तर सिंह ने इसकी जांच शुरू की और जांच के बाद गवाह के बयानों और डीई फाइल के रिकॉर्ड पर मौजूद दस्तावेजों के आधार पर 12 कॉन्स्टेबल (ड्राइवर) को नकली ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है.
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