15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में हो रही घटनाएं विश्वास खत्म कर रही हैं.
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नई दिल्ली: चीन (China) को एक बार फिर भारत ने आइना दिखाया है. 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) बिना नाम लिए चीन को लताड़ लगाई है. विदेश मंत्री ने दक्षिण चीन सागर का जिक्र करते हुए इस इलाके में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई.
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हो पालन
15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में हो रही घटनाएं विश्वास खत्म कर रही हैं. अंतरराष्ट्रीय कानूनों का अनुपालना और क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी बात की.
एकजुटता की आवश्यकता
वर्चुअली आयोजित शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने आसियान के अध्यक्ष के रूप में की. इस सम्मेलन में सभी ईएएस सदस्य देशों ने भाग लिया. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोनाकाल के दौरान आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुटता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है. हिंद-प्रशांत इलाके के लिए कई देशों की ओर से हाल ही में घोषित नीतियों का हवाला देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, अगर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता हो तो विभिन्न दृष्टिकोण का समायोजन रखना चुनौतीपूर्ण नहीं होगा.
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अखंडता और संप्रभुता का सम्मान हो
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के इस समूह में आसियान के दस देश शामिल हैं. इसके अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के महत्व को दोहराते हुए कहा, अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालना, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए. नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था की सराहना की जरूरत पर जोर दिया.
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चीन का वास्तारवादी व्यवहार
क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने की आवश्यकता पर उनकी टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते विस्तारवादी व्यवहार के बीच आई है. कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन ने पिछले कुछ महीनों में दक्षिण चीन सागर में सैन्य चिंता काफी हद तक बढ़ा दी है, जिससे वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं.
COVID-19 वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी प्रतिबद्ध
इसके अलावा एस जयशंकर ने ईएएस नेताओं को कोरोना को लेकर भारत के प्रयासों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने COVID-19 वैक्सीन को सभी देशों के लिए सुलभ और सस्ती बनाने में मदद करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दोहराया.
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