एनएचएआई की एक जांच के मुताबिक, हाईवे पर वाहन चलाने वाले ड्राइवरों में करीब 25 फीसदी की आंखें कमजोर हैं.
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नई दिल्ली : नेशनल हाईवे पर चल रहे हैं, तो जरा अलर्ट हो जाइए. एनएचएआई की एक जांच में जो खुलासा हुआ है, वो हैरान करने वाला है. एनएचएआई की एक जांच के मुताबिक, हाईवे पर वाहन चलाने वाले ड्राइवरों में करीब 25 फीसदी की आंखें कमजोर हैं. एनएचएआई ने बताया कि देश के 25 प्रतिशत ड्राइवर ऐसे हैं, जिन्हें दूर का कम दिखाई देता है. ड्राइवरों को इस बात की जानकारी इसलिए नहीं है, क्योंकि उन्होंने कभी अपनी आंखों की जांच ही नहीं कराई है.
कैसे हुई जांच
एनएचएआई के चेयरमैन दीपक कुमार बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में टोल प्लाजा और हाईवे पर पड़ने वाले ढाबों के आस-पास कैंप लगाकर ड्राइवरों की आंखों की जांच कराई. इन कैंपों में करीब 13 हजार कमर्शियल वाहनों के ड्राइवरों की आंखों की जांच की गई. इनमें से करीब 3000 ड्राइवरों की आंखें कमजोर पाई गईं.
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कमजोर आंखें हैं हादसों का कारण
शहर में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए एनएचएआई ने एक पहल की है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि सड़क हादसों का एक कारण आंखों की कमजोरी भी हो सकती है.
रात में होती हैं ज्यादा सड़क पर दुर्घटनाएं
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि अथॉरिटी की तरफ से चलाया गया यह अभियान सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए किया गया. सड़कों पर होने वाली बहुत सी दुघर्टनाएं आंखों की समस्या के चलते भी होती हैं. इस पर लोग ध्यान नहीं देते हैं. सड़क सुरक्षा को लेकर किए गए सर्वे के मुताबिक, रात के समय काफी हादसे कमजोर आंखों की रोशनी के कारण होते हैं.
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हाईवे पर बढ़े सड़क हादसे
एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक, साल 2014 से 2016 के बीच सड़क हादसों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. इसके रोकने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया वाहन चालकों के लिए फ्री आई चेकअप कैंप समय-समय पर चला रही है. एनएचएआई द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में करीब 1,37,909 सड़क हादसे हुए थे. इन हादसों में करीब 47,649 लोगों की मौत हुई थी. वहीं साल 2016 में 1,42,359 सड़क हादसे हुए, जिसमें 51,204 लोगों की मौत हुई.