राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, किसानों को सरकार पर भरोसा नहीं है. ये सरकार के ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया है.
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नई दिल्लीः पिछले 13 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों और सरकार के बीच 5 दफा बिल को लेकर बातचीत हो चुकी है लेकिन सारी बैठकें बेनतीजा रहीं. सरकार के समझाने के बावजूद किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और बिलों के वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के पांच नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. राहुल गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी समेत 5 नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकत कर कृषि बिलों पर चर्चा की.
मुलाकात के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, किसानों को सरकार पर भरोसा नहीं है. ये सरकार के ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया है.
We informed the President that it is absolutely critical that these anti-farmer laws are taken back: Rahul Gandhi, Congress pic.twitter.com/4hco6XlGbL
— ANI (@ANI) December 9, 2020
सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी ने कह, 'हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. हमने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल वापस लेने का अनुरोध किया है.
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कृषि मंत्री ने कहा, जानना चाहिए नए बिलों का सच
मालूम हो कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) का ‘सच’ देश के सामने रखा है. उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानूनों का सच हर किसी को जरूर जानना चाहिए ताकि कोई भ्रम की स्थिति न रहे. कृषि मंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ‘कृषि कानून एमएसपी (MSP) सिस्टम और एपीएमसी मंडियों (APMC) को प्रभावित नहीं करते हैं. किसान फसल उगाने से पहले ही उपज के दाम तय कर सकते हैं. खरीदारों को समय पर भुगतान करना होगा वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.’
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किसान की जमीन कोई नहीं छीन सकता
कृषि मंत्री ने दूसरा ट्वीट किया है, ‘इन कानूनों के चलते किसान की जमीन किसी भी कारण से कोई नहीं छीन सकता है. खरीदार किसान की भूमि में कोई परिवर्तन नहीं कर सकते हैं. ठेकेदार पूर्ण भुगतान के बिना अनुबंध समाप्त नहीं कर सकता है.’