किसानों को भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि सरकार हर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है लेकिन इसके लिए बातचीत बहुत जरूरी है.
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नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि मीडिया को यह पड़ताल करनी चाहिए कि क्या राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ी विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के पीछे कोई और ताकत है? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों की हर शंका का समाधान करने के लिए तैयार है.
अगले चरण की बातचीत कब?
दोनों मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि दो कृषि कानूनों (Farm Laws) के प्रावधानों में संशोधन के लिए केन्द्र पहले ही प्रस्ताव का मसौदा किसान संघों के नेताओं को भेज चुका है और अब उन्हें अगले चरण की बातचीत के लिए तारीख तय करनी है. हालांकि, किसान संघ प्रस्ताव को खारिज करते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग कर चुके हैं. यहां तक कि उन्होंने आने वाले दिनों में आंदोलन की धार तेज करने, ट्रेन रोकने और NH को जाम करने की घोषणा की है.
सरकार बात करने को तैयार
यह पूछने पर कि क्या आंदोलन (Farmers Protest) के पीछे कोई और ताकत है, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘मीडिया की नजरें तेज हैं और यह पता लगाने का काम उस पर छोड़ते हैं.’ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों को भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर गोयल ने कहा, ‘प्रेस को पड़ताल करनी होगी और पता लगाना होगा.’
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उन्होंने कहा, ‘हम इसका सम्मान करते हैं कि किसान हमारे पास आए और हमसे बातचीत की. चर्चा के दौरान जो मुद्दे सामने आए हमने उनका समाधान निकालने का प्रयास भी किया. अगर कोई और समस्या है जिस पर चर्चा करने या मौजूदा प्रस्ताव पर कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो हम उसके लिए तैयार हैं. किसी अन्य कारण से वे आगे नहीं आ रहे हैं, तो उसका पता लगाने का जिम्मा हम आप पर छोड़ते हैं.’
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