Ahmed Patel: चला गया Congress का Chanakya, अब कौन बनेगा कांग्रेस पार्टी का खेवनहार?
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Ahmed Patel: चला गया Congress का Chanakya, अब कौन बनेगा कांग्रेस पार्टी का खेवनहार?

कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल (Ahmed Patel) का निधन हो गया है. पिछले एक महीने से वो अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था और बाद में उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल (Ahmed Patel) का निधन हो गया है. पिछले एक महीने से वो अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था और बाद में उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. अहमद पटेल गांधी परिवार (Gandhi Family) के अलावा कांग्रेस पार्टी के सबसे खास सदस्य थे और पिछले 19 सालों से कांग्रेस पार्टी को अपनी चतुराई से संभाले हुए थे.

  1. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन
  2. कोरोना के चलते अस्पताल में थे भर्ती
  3. कांग्रेस पार्टी के चाणक्य कहे जाते थे अहमद पटेल

इंदिरा चुनाव हार गईं, लेकिन अहमद पटेल नहीं
अहमद पटेल के बारे में सार्वजनिक तौर पर कम जानकारियां मिलती हैं. वो चुनाव के समय में ही मीडिया में दिखते, लेकिन बहुत थोड़े समय के लिए. अहमद पटेल ने नगरपालिका परिषद से राजनीति की शुरुआत की. और देखते ही देखते वो कांग्रेस पार्टी की सर्वेसर्वा इंदिरा गांधी की नजर में आ गए. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की नजर में उनका आना एक इत्तेफाक ही था, क्योंकि 1977 के जिस आम चुनाव में कांग्रेस की करारी पराजय हुई थी, उस चुनाव में अहमद पटेल भरूच सीट से जीते थे. जबकि खुद इंदिरा गांधी अपनी सीट गवां बैठी थी.

आठ बार सांसद, पार्टी के हर पद की उठाई जिम्मेदारी
अहमद पटेल ने संसद में 8 बार गुजरात का प्रतिनिधित्व किया है. तीन बार लोकसभा सांसद की हैसियत से, तो 5 बार राज्यसभा सांसद की हैसियत से. अहमद पटेल ने कांग्रेस पार्टी में हर अहम जिम्मेदारी उठाई. कांग्रेस पार्टी तो गुजरात में बेहद मजबूत किया और यूथ कांग्रेस को पूरे देश में सांगठनिक तौर पर खड़ा किया. आज कांग्रेस में जो भी पुराने नेता दिखते हैं, इत्तेफाक से उनमें से कई यूथ कांग्रेस से निकलकर आए हैं. अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के महासचिव से लेकर कोषाध्यक्ष तक रहे.वो 1977 से 1982 तक पटेल गुजरात यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. साल 1991 में जब पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया, जो वे जीवनपर्यन्त बने रहे.

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राजीव गांधी के संसदीय सचिव
अहमद पटेल राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के प्रधानमंत्री रहते बेहद मजबूत हो चुके थे. उनपर राजीव गांधी को सबसे ज्यादा भरोसा था. वो राजीव गांधी के न सिर्फ संसदीय सचिव रहे, बल्कि उनकी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर रही. वो मंत्रालय में बने रहने पर यकीन नहीं करते थे, इसीलिए अहमद पटेल को किंगमेकर कहा जाता था.

सोनिया गांधी और अहमद पटेल
सोनिया गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस से पहले भी अहमद पटेल बेहद ताकतवर शख्सियत बने रहे. सीताराम येचुरी (Sitaram Yechuri) के पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने के दौरान वो पार्टी के कोषाध्यक्ष थे, लेकिन सोनिया गांधी के पीए वी जॉर्ज से तकरार के बाद साल 2000 में उन्होंने ये पद छोड़ दिया. हालांकि 2001 में सोनिया गांधी ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार (Political Advisor) बना लिया और तब से वो सोनिया गांधी के हर फैसले के पीछे खड़े रहे. यहां तक मौजूदा समय में सोनिया गांधी कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष हैं, तो इसके पीछे भी अहमद पटेल का हाथ माना जाता है.

अहमद पटेल का निजी जीवन
अहमद पटेल का जन्म 21 अगस्त 1949 को भरुच में हुआ था. भरुच जिला तब बॉम्बे प्रेसीडेन्सी का हिस्सा हुआ करता था. पटेल ने राजनीतिक जीवन की शुरूआत में ही इमरजेंसी के दौर में मेमुना से साल 1976 में शादी की थी. उनके दो बच्चे हैं और दोनों का ही राजनीति से कोई लेना देना नहीं. अहमद पटेल खुद को भी मीडिया की चमक दमक से दूर रखने का प्रयास करते रहे.

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