UP Politics: अखिलेश ने 'चाचा' के लिए मांगी आगे की कुर्सी, अब शिवपाल ने 'भतीजे' के लिए कह दी ये बात
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UP Politics: अखिलेश ने 'चाचा' के लिए मांगी आगे की कुर्सी, अब शिवपाल ने 'भतीजे' के लिए कह दी ये बात

Akhilesh Yadav: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के इस प्रस्ताव पर कहा कि इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता.

UP Politics: अखिलेश ने 'चाचा' के लिए मांगी आगे की कुर्सी, अब शिवपाल ने 'भतीजे' के लिए कह दी ये बात

Akhilesh Shivpal Conflict: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में चाचा शिवपाल के लिए आगे की कुर्सी की मांग की है. इसे लेकर उन्होंने यूपी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था. शिवपाल सिंह यादव को सामने की सीट आवंटित करने की मांग कर अखिलेश ने सभी को चकित कर दिया है. अब शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव के इस कदम पर बयान दिया है. आइये आपको बताते हैं शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के लिए क्या कहा.

जानें शिवपाल यादव ने क्या कहा

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के इस प्रस्ताव पर कहा कि इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनकी कुर्सी तो पहले से एलाट है और मुझे तो उसपर ही बैठना है. शिवपाल आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनको चिट्ठी के बारे में कुछ पता नहीं है, कि चिट्ठी उनके बारे में लिखी गई है. अध्यक्ष कार्यालय ने भी कहा है कि उसे अभी तक अखिलेश या उनकी पार्टी से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है.

आजम पर सवाल का नहीं दिया जवाब

विधानसभा में उनकी कुर्सी तो पहले से एलाट है और मुझे तो उसपर ही बैठना है. विधानसभा अध्यक्ष ने उनको कुर्सी एलाट की है. कहा, यदि इतनी फिक्र थी और कुर्सी के बारे में पहल ही करनी थी तो पहले करनी चाहिए थी, अब करने से क्या फायदा. आजम खान से मुलाकात को लेकर सवाल पर शिवापाल ने कोई जवाब देना उचित नहीं समझा.

सपा ने तोड़ा था नाता

बता दें कि शिवपाल यादव ने अपने भतीजे के साथ अनबन के बाद 2018 में अपनी खुद की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई थी. हालांकि उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में सपा का टिकट दिया गया था. शिवपाल यादव ने जसवंत नगर से सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन पार्टी भाजपा से हार गई थी. सपा ने तब नुकसान की समीक्षा के लिए अपने विधायकों की बैठक की, लेकिन शिवपाल यादव को इसमें आमंत्रित करने के खिलाफ फैसला किया.

शिवपाल ने उठाया था ये कदम

वरिष्ठ नेता ने तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि वह भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, शिवपाल ने विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने के सपा के फैसले के खिलाफ गए और इसके बजाय भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया. इसके बाद सपा ने उन्हें एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया था कि वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं जहां उन्हें अधिक सम्मान मिल रहा है.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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