अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से राज्यसभा भेजने पर नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा है कि नेताजी पार्टी के मालिक हैं, वह जो चाहें फैसला ले सकते हैं। रामपुर में रेलवे स्टेशन पर आजम खां ने मंगलवार को कहा कि वह नेताजी के फैसले को चुनौती नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा 'जहां तक इस मामले में मैं समझता हूं कि ये एक दुखद प्रकरण है लेकिन नेता जी पार्टी के मालिक है। लिहाजा मालिक के फैसले के आगे किसी का कोई अधिकार नहीं बनता है।'
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नई दिल्ली: अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से राज्यसभा भेजने पर नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा है कि नेताजी पार्टी के मालिक हैं, वह जो चाहें फैसला ले सकते हैं। रामपुर में रेलवे स्टेशन पर आजम खां ने मंगलवार को कहा कि वह नेताजी के फैसले को चुनौती नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा 'जहां तक इस मामले में मैं समझता हूं कि ये एक दुखद प्रकरण है लेकिन नेता जी पार्टी के मालिक है। लिहाजा मालिक के फैसले के आगे किसी का कोई अधिकार नहीं बनता है।'
गौर हो कि समाजवादी पार्टी में अमर सिंह की मंगलवार को वापसी हो गई। सपा ने राज्यसभा के लिए 7 नामों की घोषणा की जिसमें बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह का नाम शामिल है। बेनी प्रसाद वर्मा शुक्रवार को सपा में फिर शामिल हुए। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने इन नामों की घोषणा की। सपा ने राज्यसभा के लिए जिन नामों की घोषणा की है उनमें बेनी प्रसाद वर्मा, रेवती रमण सिंह, विषंभर निषाद, अरविंद प्रताप सिंह, संजय सेठ, सुखराम सिंह यादव और अमर सिंह शामिल हैं।
गौरतलब है कि सपा ने 2010 में अमर सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद सिंह ने 2011 में राष्ट्रीय लोक मंच नाम से अपनी पार्टी बनाई। हालांकि, उनकी पार्टी ने 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। लोकसभा चुनाव 2014 में अमर सिंह राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए और फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़े और इस चुनाव में वह हार गए।