यूक्रेन युद्ध के बीच आया मुगलों-राजपूतों के संघर्ष का एंगल, भड़क गए असदुद्दीन ओवैसी
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यूक्रेन युद्ध के बीच आया मुगलों-राजपूतों के संघर्ष का एंगल, भड़क गए असदुद्दीन ओवैसी

भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का बयान AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को पसंद नहीं आया है. ओवैसी का कहना है कि रूसी हमले की तुलना मुगलों से करने के पीछे इस्लामोफोबिया की बू आती है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) में मुगलों का जिक्र आने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भड़क गए हैं. ओवैसी ने यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा (Ukrainian Ambassador Igor Polikha) के बयान पर  कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि उन्हें इतिहास का अधूरा ज्ञान है. बता दें कि यूकेन के राजदूत ने रूसी हमले को जनसंहार करार देते हुए कहा था कि ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा मुगलों ने राजपूतों के साथ किया था. 

  1. भारत में यूक्रेन के राजदूत हैं इगोर पोलिखा
  2. असदुद्दीन ओवैसी को पसंद नहीं आया बयान
  3. ओवैसी ने इस्लामोफोबिया का लगाया आरोप
  4.  

भारतीय छात्र की मौत के बाद दिया बयान

भारत में रूस के राजदूत (Ukrainian Ambassador Igor Polikha) इगोर पोलिखा ने मंगलवार को यूक्रेन में रूसी हमले की तुलना मध्यकालीन भारत में राजपूतों के खिलाफ मुगलों के कथित जनसंहार से की थी. यूक्रेन के खारकीव शहर में रूसी हमले में भारतीय छात्र की मौत के बाद पोलिखा नई दिल्ली स्थित भारतीय विदेश मंत्रालय पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही थी. 

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राजदूत ने Putin को रोकने की अपील की 

मीडिया से बात करते हुए यूक्रेनी राजदूत ने कहा था, ‘रूस का हमला ठीक वैसा ही है जैसे मुगलों ने राजपूतों का जनसंहार किया था. मैं दुनिया के सभी प्रभावी नेताओं से अपील करता हूं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ सभी संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए, हमला रोकें. मैं मोदी जी से भी अपील करता हूं’. अब AIMIM लीडर ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस बयान पर आपत्ति जताई है.  

ओवैसी बोले- अधूरा ज्ञान अपने पास रखें

ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मान्यवर भारत के मध्यकालीन इतिहास का आधा-अधूरा ज्ञान अपने पास ही रखें. इसमें इस्लामोफोबिया की बू आती है. जो चल रहा है, उसे गलत तरीके से पेश मत कीजिए. मैं हैरान हूं कि नरेंद्र मोदी का ध्यान खींचने के लिए उन्हें मुगलों के इस्तेमाल का आइडिया कहां से आया?' गौरतलब है कि रूसी हमले को लेकर भारत ने अब तक बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. नई दिल्ली ने खुले तौर पर रूस की आलोचना नहीं की है और न ही संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा लिया है.   

 

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