लखीसराय में गंगा के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि होने से खेतें में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. मक्का, सोयाबीन सहित मवेशियों के लिए लगाए गए चारा खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश होने से किसानों की परेशानी बड़ गई है.
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लखीसरायः बिहार के लखीसराय में गंगा के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि होने से खेतें में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र में लगी मक्का, सोयाबीन सहित मवेशियों के लिए लगाए गए चारा के खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. इससे किसानों और मवेशी पालकों में चिंता बढ़ गई है. किसान आर्थिक नुकसान को लेकर चिंतित होने लगे हैं. सुखाड़ के कारण धान की खेती काफी कम हुई है.
किसानों में फसल डूबने से बढ़ी चिंता
किसानों में अब मकई की फसल डूबने के कारण चिंता बढ़ गई है. पिपरिया प्रखंड के वीरपुर, रामचंद्रपुर, पथुआ, पिपरिया सहित दर्जनों गांव के किसानों के खेत में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से किसानों और पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि से पशुपालकों और किसानों में परेशानी बढ़ गई है. मवेशी पालक अपने अपने मवेशी को लेकर सड़क के किनारे या ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने को मजबूर है.
पशुओं को हरा चारा न मिलने से किसान परेशान
वहीं कुछ दिन पूर्व जब गंगा का जलस्तर काफी घट गया था. किसानों ने राहत की सांस ली थी लेकिन सुखाड़ से फसल बर्बाद हो गई. कम से कम मवेशी को अच्छी तरह से पालकर आर्थिक स्थिति का ध्यान रखेंगे और अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. हालांकि एक बार फिर गंगा के जलस्तर में वृद्धि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसान पंकज कुमार, इंद्रदेव सिंह और दीपक सिंह ने बताया कि खेतों में पानी प्रवेश करने पर मकई और सोयाबीन की फसल नहीं हो पाएगी क्योंकि पशुओं को हरा चारा मिलने में परेशानी होगी. किसानों ने कहा कि अब तक किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिल पाई है और न ही कोई अधिकारी देखने आए हैं.
वहीं वीरपुर पंचायत के मुखिया चंदन सिंह ने बताया कि अब तक किसी प्रकार की कोई मदद प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. इसकी सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी अभी तक देखने के लिए नहीं आए हैं.
(रिपोर्ट-राज किशोर)
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