बिहार में खनिज विकास निगम की तरफ से सूचना जारी की गई है. जिसमें कोयले का सरफेस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 24 रुपए प्रति मीट्रिक टन बढ़ा दिया गया हैं. पहले यह 67 रुपए प्रति मीट्रिक टन था जिसे अब बढ़ाकर 91 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया है.
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पटना: Bricks Rate: बिहार में ईंटों के दाम बढ़ सकते हैं साथ ही भवन निर्माण कार्य भी महंगा हो सकता है. कोयला आधारित उद्योगों के उत्पादन लागत बढ़ने से इस तरह की समस्या आ रही है. सरकार ने ईंट भट्ठों को बंद करने का आदेश भी दिया है. इस दिशा में कदम बढ़ने से खर्च बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
कोयले के सरफेस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में हुई बढ़ोतरी
बिहार में खनिज विकास निगम की तरफ से सूचना जारी की गर्इ है. जिसमें कोयले का सरफेस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 24 रुपए प्रति मीट्रिक टन बढ़ा दिया गया हैं. पहले यह 67 रुपए प्रति मीट्रिक टन था जिसे अब बढ़ाकर 91 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया है। कोयले के सरफेस ट्रासपोर्टेशन चार्ज में बढ़ोतरी से कोयला आधारित उद्योगों का उत्पादन लागत बढ़ सकता है. ईंट भट्ठे भी कोयला आधारित ही हैं. इस कारण उत्पादन लागत बढ़ने की स्थिति में ईंट के दाम बढ़ने की भी चिंता जतार्इ जा रही है.
विकास निगम की ओर से जारी की गई सूचना
बता दें कि बिहार खनिज विकास निगम की ओर से इसकी सूचना जारी की गई है. यहां पर निगम ही कोयला से संबंधित मामलों के लिए अधिकृत एजेंसी है. खासकर ईंट भट्ठों में कोयले की आपूर्ति से संबंधित मामलों का पूरा संचालन निगम ही संभालती है.
निर्माण कार्य पर खर्चा बढ़ेगा
प्रदेश में ईंट के दाम बढ़ने से निर्माण कार्य पर खर्च बढ़ जाएंगा. घर बनाने के लिए ईंट महत्वपूर्ण सामग्री है. इस वजह से अपना घर बनाने की योजना बना रहे लोगों की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा. वहीं सरकारी निर्माण परियोजनाओं की लागत भी बढ़ेगी. इसके साथ ही ग्रामीण और शहरी प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के तहत बन रहे मकानों पर भी असर पड़ेगा.
कोयला आधारित ईंट भट्ठों को बंद करने के आदेश
थर्मल पावर संयंत्रों के 300 किलोमीटर की परिधि में कोयला आधारित ईंट भट्ठों को बंद करने के लिए भारत सरकार की ओर से आदेश दिए गए हैं. इसके तहत करीहन प्रदेश के सभी इलाके आ जाते हैं. उनकी जगह फ्लाई ऐश से ईंट बनाने के लिए कहा गया है, जो न केवल किफायती होगा बल्कि वो पर्यावरण संबंधित समस्याओं का समाधान भी करेगा.
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