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बेगूसराय : बिहार में अपराध का अड्डा बन चुके बेगूसराय में अपराधियों के मन से प्रशासन का खौफ खत्म हो गया है. इसके पीछे की बड़ी वजह पुलिस प्रशासन का सुस्त रवैया है. यहां शहर के कोई चौक चौराहे पर पुलिस की गश्ती नहीं दिखती न ही किसी चौक चौराहे पर पुलिस के जवानों की तैनाती ही नजर आती है. पुलिस प्रशासन के सारे दावे यहां फिसड्डी साबित होते हैं.
बता दें कि बेगूसराय में जिस तरह से आपराधिक मामले बढ़े हैं, इसको लेकर पुलिस द्वारा रात्रि पेट्रोलिंग का दावा करने की हकीकत जानने को देर रात शहर की सड़कों पर निकले तो इस दावे की पोल खुलती नजर आई. बेगूसराय शहर के कोई चौक-चौराहे पर पुलिस की गश्ती नहीं दिखी न ही किसी चौंक-चौराहे पर पुलिस की तैनाती ही दिखी.
ट्रैफिक चौक पर रात के 12 बजे ना तो पेट्रोलिंग की गाड़ी थी ना ही कोई पुलिसकर्मी मौजूद थे. शहर के लगभग हर चौक-चौराहे का यही हाल था. शहर के नगर निगम चौक पर वहां पर भी कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था ना ही रास्ते में पेट्रोलिंग गाड़ी दिखी. सबसे खास बात यह थी कि नगर निगम चौक से आधे किलोमीटर की दूरी पर नगर थाना पड़ता है. लेकिन एक भी पुलिसकर्मी कहीं नहीं नजर आया. इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस के दावे में कितना दम है और वह सुरक्षा को लेकर कितनी सजग है.
कचहरी चौक पर भी पुलिसकर्मी नहीं दिखे और न ही रात्रि गश्ती करते पुलिस नजर आई. शहर में स्थित काली स्थान का भी यही हाल था. शहर के मेन मार्केट और विष्णुपुर तक भी यही नजारा आम नजर आया. यहां मुसाफिरों का कहना था कि पुलिस की गश्ती उन्हें भी कहीं रास्ते में नहीं दिखी.
बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार कहते हैं कि पूरे शहर में पुलिस रात्रि गश्ती करती है और रोको-टोको अभियान चलीती है. उन्होंने यह भी कहा कि रात में गश्ती के दौरान कई हथियार भी बरामद किए गए हैं. यहां लगातार चौक चौराहे पर पुलिस के द्वारा गश्ती की जाती है. उन्होंने कहा कि ठंड को लेकर पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों को रात्रि गश्ती को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ठंड में घर में चोरी डकैती, एटीएम उखाड़ने की घटनाएं ज्यादा होती है. पेट्रोलिंग के लिए डायल 112 की गाड़ियों में व थाने की गाड़ियों में जीपीएस लगाया गया है उसकी मोनिटरिंग भी होती है.
(रिपोर्ट- जितेंद्र कुमार)
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