घाटशिला में रोजगार की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठा युवक
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घाटशिला में रोजगार की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठा युवक

मामला घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड के गोहला पंचायत स्थित भादुआ हरि-मंदिर बागजाता खदान जाने वाली मुख्य सड़क की है. जहां पर रोजगार की मांग को लेकर युवक बृंदावन भगत चूल्हा डेकची के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठ गए हैं.

घाटशिला में रोजगार की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठा युवक

जमशेदपुर : भारत सरकार की कंपनी यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिडेट के बगजाता माइंस में नौकरी की मांग को लेकर मुसाबनी के भादुआ गांव निवासी युवक बृंदावन भगत अपने गांव से होकर गुजर रहे माइंस जाने वाले रास्ते पर हड़िया बर्तन लेकर परिवार समेत अनशन पर बैठ गया है. युवक सरकार से रोजगार की मांग कर रहा है.

क्या है मामला 
मामला घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड के गोहला पंचायत स्थित भादुआ हरि-मंदिर बागजाता खदान जाने वाली मुख्य सड़क की है. जहां पर रोजगार की मांग को लेकर युवक बृंदावन भगत चूल्हा डेकची के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठ गए हैं. उसके साथ उसके परिवार वाले भी इस आंदोलन में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. अनशन कर रहे ग्रामीण बृंदावन भगत का कहना है कि विगत वर्ष 2017 में वह मेकेनिकल में डिप्लोमा पास किया है.
तथा 14 जनवरी 2021 से 17 अप्रैल 2022 तक अपेक्स कॉर्पोरेशन ठेका कंपनी के अंडर एपिरोक अंडरग्राउंड मशीन में ओवर होलिंग का कार्य यूसीआईएल मुख्यालय जादुगोड़ा तथा बागजाता माईन्स में किया है. मुझे मेकेनिकल से संबंधित सभी कार्य का अनुभव है. टेंडर खत्म होने के कारण मुझे इस वर्ष अप्रैल माह से कार्य से बैठा दिया गया है. जिसके कारण मेरा परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दायनीय हो गयी है.

शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
युवक बृंदावन भगत ने कहा कि ठेकेदार के अधीन नियमित कार्य हेतु मैंने युसिल प्रबंधन से कई बार गुहार लगाया है पर मुझे रोजगार नहीं मिला. जबकि पिछले 6 महिनों से बाहर के कई लोगों को मेकेनिकल विभाग के कार्य में नियोजित किया गया है. कम्पनी का नियम है कि सबसे पहले शून्य किलोमीटर के योग्य लोगों को रोजगार दिया जाएगा, लेकिन मुझे काम नहीं देकर मेरे तथा मेरे परिवार के साथ नाइंसाफी किया जा रहा है. अपने नियोजन की मांग को लेकर पिछले 09 अगस्त को खान प्रबंधक को आवेदन भी दिया था पर मेरा आवेदन पत्र पर किसी प्रकार का साकारात्मक विचार नहीं किया गया. 25 अगस्त 2022 को बागजाता खान परिसर में मुझे रोजगार मुहैया कराने के संबंध में जनप्रतिनिधियों और प्रबंधक के बीच वार्ता हुई. जिसमें मुझे 7 दिनों के अंदर रोजगार देने हेतु सहमति बनी पर आज तक मुझे रोजगार से नहीं जोड़ा गया. जिसके चलते मजबूरन मुझे अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य किया गया.

इनपुट- रणधीर कुमार सिंह

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