'पढ़ाई का मर्म वे क्या जानें, हम कैसे पढ़े हैं हम ही जानते हैं', तेजस्वी के वार पर जीतनराम मांझी का पलटवार
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'पढ़ाई का मर्म वे क्या जानें, हम कैसे पढ़े हैं हम ही जानते हैं', तेजस्वी के वार पर जीतनराम मांझी का पलटवार

Nawada Dalit Basti Fire: नवादा में दलित बस्ती में आग लगाने की घटना पर अब सियासत जारी है. इस मामले पर सभी राजनीतिक पार्टियां हाथ सेंकने का काम कर रही है. 

'नवादा में दलितों के घर जलने की घटना की तपिश में राजनीतिक दल 'हाथ सेंकने' में जुटे', तेजस्वी और मांझी आमने-सामने

पटनाः Politics On Nawada Dalit Basti Fire: बिहार के नवादा में दलित के घरों में आग लगाए जाने की घटना को लेकर सियासत जारी है. सभी राजनीतिक दल खुद को सबसे बड़े 'हितैषी' बताकर इस घटना में 'हाथ सेंकने' की कोशिश में जुट गए हैं. राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तथा राजद नेता तेजस्वी यादव इस मामले में आमने-सामने आ गए हैं.

राजद नेता तेजस्वी यादव के आरएसएस और भाजपा के स्कूल में पढ़े लिखे हैं के बयान पर शुक्रवार को जीतन राम मांझी ने पलटवार किया. उन्होंने तेजस्वी यादव की शिक्षा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि ये उल्टी बात है, चूंकि वे पढ़े नहीं हैं, इसलिए पढ़ाई का मर्म क्या जानें. हम लोग शेड्यूल कास्ट के सबसे नीचे तबके के लोग हैं. हम लोगों को पढ़ने जाने में दिक्कत होती थी, भूखे-प्यासे पढ़ते थे. अपने मेरिट से मैट्रिक पास किया, ग्रेजुएशन किया. उसी प्रकार से मेरा बेटा भी पढ़ा है. आज कॉलेज में प्रोफेसर है तो आरएसएस से इनका क्या सवाल है?

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इससे पहले नवादा में दलितों के घर जलाए जाने की घटना के बाद जीतन राम मांझी ने कहा था कि इस घटना में यादवों का हाथ है. इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि जीतन राम मांझी और उनका बेटा आरएसएस और भाजपा से पढ़ रहे हैं. जो लिखकर दिया जाता है, वही वे पढ़ते हैं.

इधर, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और मंत्री जनक राम का कहना है कि नवादा की घटना मानवता और सामाजिक सद्भाव पर गंभीर हमला है. जिस तरह से दलित समुदाय को इस अमानवीय कृत्य का शिकार बनाया गया है, वह न केवल समाज की नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि हमारे संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के खिलाफ भी है.

मंत्री जनक राम ने कहा कि दलित समुदाय के साथ इस प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. नवादा अग्निकांड में पीड़ित पक्ष के द्वारा मुफ्फसिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है. पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इनपुट- आईएएनएस के साथ

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