बिहार के प्रारंभिक स्कूलों से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोकसेवा आयोग के जरिए बहाली होगी. ये 1994 के बाद पहला ऐसा मौका होगा.
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Patna: बिहार के प्रारंभिक स्कूलों से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोकसेवा आयोग के जरिए बहाली होगी. ये 1994 के बाद पहला ऐसा मौका होगा, जब बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति लोकसेवा आयोग के जरिए होगी.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने कहा है कि नियोजन इकाइयों से जो बहाली साल 2006 से लेकरअब तक हुई है, उसका अनुभव अच्छा नहीं रहा है. शिक्षा के साथ शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे थे, जिस वजह से विभाग ने ये फैसला किया है. दरअसल ,पूरे बिहार में जितने भी सरकारी स्कूल हैं. उसको लेकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इन स्कूलों में स्थायी नौकरी कर रहे प्रधानाध्यापकों के पद खाली हो जाएगी. इनकी जगह नियोजन पर काम कर रहे शिक्षक लेंगे. अभी बिहार में हजारों की संख्या में ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां हेडमास्टर का काम प्रभार पर चल रहा है. हालांकि 50 हजार से अधिक पदों पर बहाली कब शुरू होगी, इसके लिए अब तक विभाग ने कोई समय सीमा तय नहीं की है.
दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने बहाली से जुड़े नियम जारी कर दिए है. विजय चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने कहा है कि बकायदा इसके लिए अलग से एक कैडर बनाया जाएगा और कुछ नियमों के तहत इन्हें काम करना होगा. आइए जानते हैं कि प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक बनने के लिए क्या नियम और सेवाशर्त होंगे. प्रारंभिक स्कूलों में बीपीएससी के जरिए जो बहाली होगी वो प्रधान शिक्षक कहलाएंगे प्रधान शिक्षक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे
योग्यता
अनुभव
पंचायत प्रारंभिक शिक्षक, नगर प्रारंभिक शिक्षक पर लगातार 8 साल का अनुभव होना जरूरी है.
नियुक्ति की प्रक्रिया
प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के नियम
सीबीएसई,आईसीएई और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से संबंद्ध संस्थान में काम करने वाले शिक्षक भी प्रधानाध्यापक बन सकेंगे. बशर्तें कि यहां क्लास 12 तक की पढ़ाई होती रही.
योग्यता
अनुभव
आयु
उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 31 जबकि अधिकतम आयु 47 साल हो.
नियुक्ति की प्रक्रिया
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