Bihar News: राजभवन ने 29 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया था.
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पटना : बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को आज राजभवन सुबह 10:00 बजे बुलाया था. इसके बावजूद केके पाठक राजभवन नहीं पहुंचे. जिसके बाद राज्यपाल लगभग 30 मिनट इंतजार करने के बाद एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजभवन से रवाना हो गए.
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी 9 अप्रैल को कुलपतियों के बैठक में केके पाठक नही पहुंचे थे, जिसके बाद राज्यपाल ने इस पर खेद जताया था. उसके बाद के के पाठक ने 12 अप्रैल को आपत्ति जताते हुए राजभवन को पत्र लिखा था. पिछले कुछ महीनों से राजभवन और केके पाठक के बीच अनबन चल रहा है. दरअसल, राजभवन ने 29 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया था. इसके बाद के के पाठक ने राज्य विधायिका द्वितीय अधिनियम धारा 7 का जिक्र करते हुए कहा है कि इस धारा के तहत चांसलर, कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन जैसे अन्य अधिकारी के साथ-साथ यूनिवर्सिटी का एक अधिकारी होता है.
इसके अलावा बता दें कि के के पाठक ने इसके साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्यू से सवाल पूछा है कि क्या आपने राज्यपाल के आदेश से मुझे अवगत कराया है. यदि आदेश राज्यपाल की ओर से है तो मुझे यह बताने के अलावा कुछ नहीं कहना कि कुलाधिपति की कुर्सी उच्च संवैधानिक स्थिति होती है. इसलिए यह अधिक उपयुक्त होता कि आप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से संवाद करते. दरअसल, IAS के के पाठक कुर्सी संभालने के बाद से ही राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहें.
साथ ही बता दें कि यूनिवर्सिटी की परीक्षा सत्र समेत अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर IAS के के पाठक ने विश्वविद्यालय के वीसी की बैठक बुलाई, पाठक अब तक कुल छह बार बैठक बुला चुके हैं लेकिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बैठक में शामिल नहीं हुए, राजभवन की ओर से मनाही के बाद वीसी बैठक से दूर रहे.
इनपुट- निषेद
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