बिहारी हिंदुओं का हो गया बंटवारा, मुस्लिम-ईसाई के लिए एक कोड! ऐसे होगी आपकी जनगणना
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बिहारी हिंदुओं का हो गया बंटवारा, मुस्लिम-ईसाई के लिए एक कोड! ऐसे होगी आपकी जनगणना

बिहार में जातिगत जनगणना के दूसरे चरण का कार्य भले 15 अप्रैल से शुरू होनेवाला है लेकिन इससे पहले सरकार की तरफ से जातियों की पूरी सूची जारी कर दि गई है.

(फाइल फोटो)

Caste Based Census in Bihar : बिहार में जातिगत जनगणना के दूसरे चरण का कार्य भले 15 अप्रैल से शुरू होनेवाला है लेकिन इससे पहले सरकार की तरफ से जातियों की पूरी सूची जारी कर दि गई है. आपको बता दें कि बिहार में कुल 216 जातियों को सूचीबद्ध किया गया है जिसमें से 215 जातियों को रखा गया है और 216 नंबर पर अन्य को रखा गया है. आपको बता दें  इन 216 में से जो 215 जातियां है वह सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अलावा अनारक्षित व अन्य समुदायों की जातियों व उप जातियों के लिए नंबर है. 

अब आपको बता दें इनमें सबसे ज्यादा जाति का विभाजन बनिया के लिए किया गया है. इस कैटेगरी में बनिया की 20 उपजातियां बनाई गई हैं. साथ ही  बिहार में अनुसूचित जाति में 22, अनुसूचित जनजाति में 32, पिछड़ा वर्ग में 30, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) में 113 और उच्च जाति में 7 जातियों को रखा गया है. इन सब के लिए नंबर की व्यवस्था की गई है. इन नंबरों के आधार पर ही इस जनगणना के दौरान जातियों को वर्गीकृत किया गया है और इसी के आधार पर इनकी गणना होगी. 

बता दें कि बिहार में जाति आधारित जनगणना के पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था अब दूसरे चरण में जातियों की पहचान होनी है. इसके लिए अब बिहार में ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, भूमिहार, बनिया, कुर्मी, कोईरी, यादव जैसी जातियां नहीं होंगी मतलब साफ है कि अब ये सारी जातियां नंबर के जरिए जानी जाएंगी. इसमें यादव के लिए 167 नंबर,  कायस्थ का 22, भूमिहार  का 144, ब्राह्मण का 128, राजपूत का 171,  कुर्मी का 25, कोइरी का 27, बनिया का 124 नंबर मिला है. ऐसे ही सभी जातियों के नंबर निर्धारित कर दिए गए हैं. जिसमें से नंबर-1 पर अगरिया जाति है और सबसे आखिर में नंबर 215 पर केवानी जाति और 216 पर अन्य है. वहीं मुस्लिम के लिए एक ही कोड रखा गया है जबकि हरिजन जो ईसाई बन गए हैं उनका कोड 10 और किन्नर का कोड 23 सूची में अंकित है. 

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बता दें कि पिछड़ा वर्ग में हरिजन जो ईसाई बन गए हैं उनका कोड 17 के साथ ईसाई धर्मावलंबी (अन्य पिछड़ी जाति) 18 नंबर पर रखा गया है. वहीं इसके साथ ही मडरिया (मुस्लिम भागलपुर जिला के सन्हौला प्रखंड एवं बांका जिला के धोरैया प्रखंड के लिए) के लिए पिछड़ा वर्ग में 22 वहीं सुरजापुरी मुस्लिम (शेख, सैयद, मल्लिक, मोगल, पठान को छोडकर केवल पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले में) के लिए 24 के साथ मलिक (मुस्लिम) को 26 नंबर जारी किया गया है. मतलब साफ है कि हिंदुओं की तो इतनी जाति बंट गई लेकिन मुस्लिम-ईसाई के लिए एक ही कोड रखा गया है. 

 

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