Cricket News: जगवाल श्रीनाथ की काबिलियत ही थी कि उन्होंने बतौर तेज गेंदबाज चार विश्व कप में भारत का प्रतिनिधत्व किया. पूर्व तेज गेंदबाज के जगवाल श्रीनाथ के बारे में कहा जाता था कि वह एक ओवर में चार गेंद 130 से 135 की रफ्तार में डालते हैं, लोकिन दो गेंद वह 145 से 147 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे.
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Cricket News: भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह देखा जाता है! क्रिकेटर्स को भगवान की तरह पूजा जाता है! इस देश में एक से बढ़कर क्रिकेट खिलाड़ी हुए. जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया. वहीं, क्रिकेट के कई खिलाड़ियों की खूब चर्चा होती है. हर किसी जुबान पर इन खिलाड़ियों का नाम होता है. आप सोचिए कि आज की युवा पीढ़ी ने हमारे बुमराह, मो. शम्मी, जैसे गेंदबाजों को खेलते देख रहे हैं, लेकिन आज हम आपको इस ऑर्किटल के जरिए बताएंगे कि जवागल श्रीनाथ के बारे में, जिन्होंने भारतीय तेजी गेंदबाजी आक्रमण को नई पहचान दी. जिनकी आज के फास्ट बॉलर्स से कोई तुलना नहीं! वह लिजेंड हैं.
श्रीनाथ 1999 के विश्व कप टूर्नामेंट में दूसरे सबसे तेज गेंदबाज थे. आप जगवाल श्रीनाथ की गेंदबाजी को इस तरह से समझ लीजिए कि पाकिस्तान के शोएब अख्तर ही उनसे स्पीड के मामले में आगे थे. जगवाल श्रीनाथ से ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैकग्रा और अफ्रीका के एलन डोनाल्ड पीछे थे. श्रीनाथ भारतीय तेज गेंदबाजी के धुरी थे. जब वह टीम में थे तो विरोधी के बल्लेबाज आक्रमण करने के बजाय सावधानी बरतते थे!
श्रीनाथ ने 2002 में सन्यास ले लिया, लेकिन अगले साल यानी 2003 में विश्व कप होना था. भारतीय तेज गेंदबाजी बेहद कमजोर नजर आ रही थी. इस बीच तब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने श्रीनाथ को सन्यास वापस लेने को कहा. सौरव गांगुली की बात को वह मान गए और साल 2003 का विश्व कप खेला और अपने अंतिम विश्व कप टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे अधिक 16 विकेट भी लिए. यह जवागल श्रीनाथ की काबिलियत ही थी कि उन्होंने बतौर तेज गेंदबाज चार विश्व कप में भारत का प्रतिनिधत्व किया. यहां आपको एक बात और जान लेनी चाहिए की जवागल श्रीनाथ मात्र एक ऐसे फास्ट बॉलर हैं जो भारत के लिए 4 विश्व कप में हिस्सा लिया. आप इस तरह से समझिए कि तेज गेंदबाज आए दिन चोटिल होते रहते हैं. पहले भी भारतीय तेज गेंदबाजी बहुत अच्छी नहीं थी. इन सबसे खुद को बचाते हुए भारतीय फास्ट बॉलिंग को एक नई पहचान दी.
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पूर्व तेज गेंदबाज के जगवाल श्रीनाथ के बारे में कहा जाता था कि वह एक ओवर में चार गेंद 130 से 135 की रफ्तार में डालते हैं, लोकिन दो गेंद वह 145 से 147 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे. श्रीनाथ इन स्विंग बॉल डालते थे, लेकिन बाद में आउट स्विंग गेंदबाजी करना भी सीखा. श्रीनाथ की गेंदबाजी की ऐसी कला थी कि किसी बल्लेबाज को पता ही नहीं चल पाता था कि अगली गेंद कैसी आएगी.
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अब बात करते हैं भारतीय तेज गेंदबाज बुमराह की जिनकी खूब चर्चा होती है. होनी भी चाहिए क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजी के अगुवा है. वह भले ही आज गेंदबाजी की रीड़ हो, लेकिन श्रीनाथ बनने में उन्हें काफी वक्त लगेगा. आज की पीढ़ी को बुमराह की गेंदबाजी अच्छी लगती है. जरा सोचिए अगर पीढ़ी ने जवागल श्रीनाथ की गेंदबाजी को देखा होता तो उनकी दीवानगी में सोशल मीडिया लाइक और कमेंट्स से भरे होते! आज बुमराह को चोट लगी वह कई महीने क्रिकेट से दूर रहे, लेकिन अक्सर वह गेंदबाजी करते वक्त खुद को चोटिल कर बैठते हैं. वहीं, भारतीय क्रिकेट टीम में तेज गेंदबाज हैं इसकी हनक पूरे क्रिकेट में फैलाने वाला एक ही गेंदबाज हैं वह जगवाल श्रीनाथ हैं. आज के खिलाड़ी खुद को चोट से कैसे बचाए वह समझ नहीं पाते. श्रीनाथ जैसा भारत का रफ्तार का सिंकदर कैसे खुद को चार विश्व के लिए फिट रखता रहा!
अब बात करते पाकिस्तान और भारत के मैच की. एशिया कर टूर्नामेंट में भारत- पाकिस्तान 2 सितंबर को आमने-सामने होंगे. अब सोचिए मौजूद वक्त में भारत का सबसे खरतनाक तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह जब बॉलिंग करेंगे तो पाक बल्लेबाजों के पैर क्रिज पर ठहर नहीं पाएंगे! वहीं, बुमराह जैसी दहशत पाकिस्तान क्रिकेट टीम में इससे पहले जवागल श्रीनाथ की थी. कहा जाता है कि जब श्रीनाथ गेंदबाजी करने आते थे तो पाकिस्तान उनके लिए अलग रणनीति बनाते थे.