नेपाल के तराई इलाकों में हो रही तेज बारिश, गंडक समेत कई नदियां उफान पर
Advertisement

नेपाल के तराई इलाकों में हो रही तेज बारिश, गंडक समेत कई नदियां उफान पर

हरनाटांड से नौरंगिया दोन वन क्षेत्र जाने वाली सड़क पर जगह-जगह नदियों का पानी तेज़ी से फैलने से दोन क्षेत्र के गांवों से हरनाटांड और बगहा अनुमंडल मुख्यालय के लिए आवागमन ठप हो गया है. ट्रैक्टर के सहारे किसी तरह लोग जरूरत के समान लेने हरनाटांड आ रहे हैं.

नेपाल के तराई इलाकों में हो रही तेज बारिश, गंडक समेत कई नदियां उफान पर

बगहाः नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण एक बार फिर गण्डक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसके साथ ही पहाड़ी नदियां अपने उफान पर हैं. गंडक नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. दरअसल सीमावर्ती नेपाल के तराई क्षेत्रों के साथ-साथ बगहा में लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण गंडक नदी के साथ वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के कई सारे हिस्सों में पानी भरने लगा है. इस वर्ष की सबसे भारी बारिश विगत 2 दिनों में नेपाल के तराई क्षेत्र और बगहा में हुई है. यहीं वज़ह है कि वाल्मिकीनगर बगहा मुख्य मार्ग पर नौरंगिया में हरदिया चाती के पास क़रीब डेढ़ फीट पानी बहने लगा है. 

कई इलाकों में आवागमन हुआ ठप
बताया जा रहा है कि हरनाटांड से नौरंगिया दोन वन क्षेत्र जाने वाली सड़क पर जगह-जगह नदियों का पानी तेज़ी से फैलने से दोन क्षेत्र के गांवों से हरनाटांड और बगहा अनुमंडल मुख्यालय के लिए आवागमन ठप हो गया है. ट्रैक्टर के सहारे किसी तरह लोग जरूरत के समान लेने हरनाटांड आ रहे हैं. इन पहाड़ी नदियों का पानी वनवर्ती गांवों में भी फैलने लगा है. वनवर्ती गांवों के लोगों के अनुसार नेपाल के जलग्रहण और तराई क्षेत्रों में बारिश होने से जंगल होकर गुजरी मनोर, भपसा, हारहा, झिकरी, रोहुआ, मसान, कापस , भलूही , आदि पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. 

निचले इलाकों में तेज बारिश 
पहाड़ी नदियों के उफान से वाल्मीकिनगर, गनौली, मदनपुर, हरनाटांड, चिऊटांहा, मंगुराहा, गोबर्धना, रघिया वन क्षेत्रों के निचले इलाकों में पहाड़ी नदी और बारिश का पानी फैल रहा है. इसके साथ ही बगहा में तेज बारिश की शुरुआत हो गई है. दूसरी ओर वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से सवा लाख से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी का लगातार डिस्चार्ज होने से एक बार फिर दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ का ख़तरा उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि अगर इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से ढाई लाख क्यूसेक से अधिक पानी छूटा तो फ़िर एक बार चम्पारण, सारण के साथ साथ सीमावर्ती यूपी के इलाकों में भी तबाही मचेगी.

 

Trending news