Bihar: ₹500 के 88 हजार करोड़ रुपये के नोट हुए गायब!, एक RTI से हुआ खुलासा
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Bihar: ₹500 के 88 हजार करोड़ रुपये के नोट हुए गायब!, एक RTI से हुआ खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2000 रुपये के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया. आरबीआई की दलील है कि ऐसा कालेधन पर प्रहार करने के लिए किया गया. इस बीच 500 के नए नोटों में बड़े घोटाले की खबर सामने आई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Newly 500 Rupees Notes: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2000 रुपये के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया. आरबीआई की दलील है कि ऐसा कालेधन पर प्रहार करने के लिए किया गया. इस बीच 500 के नए नोटों में बड़े घोटाले की खबर सामने आई है. एक आरटीआई के मुताबिक, टकसालों ने नए डिजाइन किए गए 500 रुपये के 8,810.65 मिलियन नोट जारी किए, लेकिन आरबीआई को केवल 7,260 मिलियन के नोट मिले. मिसिंग नोटों की कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है.

 

द फ्री प्रेस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी को नहीं पता है कि रहस्यमय ढंग से गायब हुए 1,760.65 मिलियन 500 रुपये के नोट कहां है? करंसी नोट प्रेस, नासिक की रिपोर्ट दिखाती है कि नए 500 रुपये के नोट सेंट्रल बैंक को सप्लाई किए गए, लेकिन पब्लिक डोमेन में मौजूद एनुअल रिपोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है कि उसे 500 रुपये के नए नोट मिले हैं. यानी ये 210 मिलियन 500 रुपये के नोट भी रिजर्व बैंक को नहीं मिले. 

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वहीं एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय को एक RTI से पता चलता है कि अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 के बीच नासिक करेंटी नोट प्रेस से करीब 37.54 करोड़ नोट छापे गए, जबकि आरबीआई को 34.50 करोड़ नोट ही प्राप्त हुए. 15 करोड़ से ज्यादा 500 रुपये के नए नोट गायब हो गए. एक अन्य आरटीआई में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के बीच 21 करोड़ नोट आरबीआई को आपूर्ति के तौर पर भेजे गए, जब रघुराम राजन रिजर्व बैंक गवर्नर थे. 

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मनोरंजन रॉय ने कहा कि यह हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी स्थिरता के बारे में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाता है. RTI कार्यकर्ता ने इस बारे में केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और ED को लिखा है. उन्होंने केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को लिखकर तीन मिंटों में मुद्रित करोड़ों में उच्च मूल्य की मुद्रा नोटों में अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा है.

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