NEET Paper Leak: आरोपी सिकंदर अपने इलाके का था मैट्रिक टॉपर, जानें पेपर लीक कांड से कैसे जुड़े तार
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NEET Paper Leak: आरोपी सिकंदर अपने इलाके का था मैट्रिक टॉपर, जानें पेपर लीक कांड से कैसे जुड़े तार

NEET Paper Leak: सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र ने साल 1984 में पी.एस.पी. हाई स्कूल बिथान से मैट्रिक परीक्षा पास की थी. मैट्रिक पास करने के बाद वह रांची चला गया, जहां पढ़ाई के साथ-साथ ठेकेदारी का काम भी करने लगा. गांव के लोगों का कहना है कि 1990-92 के बीच वह नौकरी के सिलसिले में अपने गांव के महेंद्र नारायण मुखिया से मिला, जो रांची में ही REO में जेई के पद पर थे.

NEET Paper Leak: आरोपी सिकंदर अपने इलाके का मैट्रिक टॉपर, जानें पूरा मामला

समस्तीपुरः समस्तीपुर जिले के नीट पेपर लीक कांड की पूरे देश में चर्चा हो रही है और इस पर जमकर सियासत हो रही है. इस प्रकरण के मुख्य आरोपी सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र के तार समस्तीपुर जिले से जुड़े हुए हैं. सिकंदर के परिवार का कहना है कि वह मैट्रिक में बिथान प्रखंड का टॉपर था और पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छा था. परिवार का दावा है कि उसे फंसाया जा रहा है. बताया गया है कि पिछले चार साल से वह अपने पैतृक गांव नहीं गया है.

सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र ने साल 1984 में पी.एस.पी. हाई स्कूल बिथान से मैट्रिक परीक्षा पास की थी. मैट्रिक पास करने के बाद वह रांची चला गया, जहां पढ़ाई के साथ-साथ ठेकेदारी का काम भी करने लगा. गांव के लोगों का कहना है कि 1990-92 के बीच वह नौकरी के सिलसिले में अपने गांव के महेंद्र नारायण मुखिया से मिला, जो रांची में ही REO में जेई के पद पर थे. महेंद्र नारायण मुखिया ने सिकंदर की मदद की थी.

बताया जा रहा है कि साल 2012 के आसपास सिकंदर की नौकरी लग गई थी. नौकरी लगने के बाद उसने हसनपुर प्रखंड के परिदह में शादी की. परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि सिकंदर पढ़ाई के समय से ही गांव बहुत कम आता था, खासकर छठ पर्व के समय ही वह घर आता था. पिछले चार साल से वह गांव नहीं आया है. सिकंदर के घर का रास्ता गांव की संकरी गलियों से होकर जाता है, जहां चार चक्का वाहन भी नहीं जा सकता. घर पर उसके बड़े भाई विवेकानंद यादव रहते हैं, जिनके तीन बेटे हैं और वे सभी बेरोजगार हैं और गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं. सिकंदर के परिवार का कहना है कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है.

गौरतलब है कि नीट पेपर लीक मामले में आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया है कि पेपर लीक हुआ था और इस पेपर लीक करने वाले गैंग ने परीक्षा से एक दिन पहले अभ्यर्थियों को प्रश्न और उत्तर रटवाए थे. आरोपी अनुराग यादव ने कबूल किया कि उसके फूफा ने कहा था कि सेटिंग हो गई है और उसे कोटा से बुलाया गया था. परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 4 मई को क्वेश्चन पेपर पहुंच गया था. इस प्रकार नीट पेपर लीक कांड ने एक गंभीर समस्या को उजागर किया है, जिससे न केवल परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठे हैं, बल्कि कई निर्दोष लोगों के जीवन को भी प्रभावित किया है.

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