बिहार-ओड़िशा सरकार के बीच 33 रूटों पर बस चलाने को लेकर समझौता, किसे मिलेगा लाभ?
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बिहार-ओड़िशा सरकार के बीच 33 रूटों पर बस चलाने को लेकर समझौता, किसे मिलेगा लाभ?

Bihar News: नए और लंबे मार्गों पर सेवाएं दो राज्यों के बीच धार्मिक, पर्यटकों और शैक्षिक महत्व के स्थानों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: ओडिशा और बिहार सरकार ने करीब 21,867 किलोमीटर के 33 रूटों पर झारखंड से गुजरने वाली सीधी बस सेवा संचालित करने के लिए अपने समझौते को नवीनीकृत किया है. पुराने समझौते के अनुसार, कुल 9,276 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले 15 मार्गों पर बसें चल रही थीं. अब, इसे और बढ़ा दिया गया है.

नए और लंबे मार्गों पर सेवाएं दो राज्यों के बीच धार्मिक, पर्यटकों और शैक्षिक महत्व के स्थानों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी.

राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए), ओडिशा के सचिव ब्रजबंधु भोल ने कहा, 'नए समझौते के साथ, पुरी, भुवनेश्वर, कटक, बारीपदा सहित ओडिशा के विभिन्न हिस्सों से पटना, बिहारशरीफ, देवघर, गया, औरंगाबाद, दरभंगा, राजगीर, भागलपुर, बक्सर, सीवान, आरा, हाजीपुर, छपरा, बालासोर, राउरकेला, संबलपुर, सुंदरगढ़ और नवादा के साथ अन्य स्थानों पर जाने वाले लोगों को हमेशा लाभ होगा.'

नए समझौते के अनुसार, ओडिशा की बसें बिहार में 17,611 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी जबकि बिहार की बसें ओडिशा में 8,784 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी. उन्होंने कहा कि बसें झारखंड से होते हुए राज्य में 8,032 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी.

यह राज्य में सड़क परिवहन को सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. भोल ने कहा कि बिहार और ओडिशा के परिवहन विभागों के बीच समझौते से सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी.

बिहार के साथ नया अंतर-राज्यीय समझौता नए अंतर-राज्यीय बस परमिट के लिए भी द्वार खोलेगा. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में करीब 100 परमिट और ट्रिप खोले जाएंगे.

ओडिशा सरकार इसी तरह के समझौतों के लिए अन्य पड़ोसी राज्यों, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ भी चर्चा कर रही है.

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(आईएएनएस)

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