BPSC Candidate Protest: प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बिहार में छात्रों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है. सरकार का काम है कि परीक्षाओं को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाए, लेकिन यहां छात्रों की आवाज को दबाने के लिए ठंड में पानी की बौछार और लाठीचार्ज जैसे अमानवीय तरीके अपनाए जा रहे हैं.
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पटना: बिहार में बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा में अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने छात्रों पर हुए पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इसे भाजपा के डबल इंजन सरकार का डबल अत्याचार करार दिया.
दरअसल, रविवार को पटना में हजारों छात्रों ने 70वीं बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में कथित धांधली और पेपर लीक के आरोपों को लेकर गांधी मैदान के पास प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजन किया जाए. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए पहले पानी की बौछार का सहारा लिया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी सड़क खाली करने को तैयार नहीं हुए तो लाठीचार्ज किया गया. इस कार्रवाई के दौरान कई छात्र घायल हो गए. प्रदर्शन में शामिल महिला उम्मीदवारों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. छात्रों ने यह भी कहा कि उन्हें जबरन सड़कों से घसीटा गया और उनके खिलाफ आंसू गैस तथा अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया गया.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में छात्रों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. सरकार की जिम्मेदारी है कि परीक्षाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचारमुक्त प्रक्रिया सुनिश्चित करे. लेकिन यहां छात्रों की आवाज दबाने के लिए ठंड में पानी की बौछार और लाठीचार्ज जैसे अमानवीय कदम उठाए जा रहे हैं. यह भाजपा की डबल इंजन सरकार का असली चेहरा है.
बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है।
इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है।… pic.twitter.com/te9MOhoKPG
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 30, 2024
साथ ही बता दें कि प्रदर्शन के बीच बिहार लोक सेवा आयोग ने विवादित परीक्षा केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है. 4 जनवरी 2024 को आयोजित होने वाली इस परीक्षा में वे 12,000 उम्मीदवार शामिल होंगे, जो 13 दिसंबर को पटना के बापू परिसर परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे थे. इस पूरे मामले ने राज्य सरकार को घेरने का मौका दिया है. विपक्ष ने इसे युवाओं के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता करार दिया. वहीं, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने शांति भंग करने की कोशिश की, जिसके कारण कार्रवाई करनी पड़ी.
छात्रों का कहना है कि बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में बार-बार धांधली और पेपर लीक जैसी घटनाओं ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. उन्होंने न्याय की मांग करते हुए सरकार से पारदर्शी व्यवस्था की अपील की है. यह मामला न केवल परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि बिहार में छात्रों के अधिकारों और प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी गहरा प्रभाव डालता है.
इनपुट- आईएएनएस
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