Vishwakarma jayanti 2024: 17 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा का त्योहार?
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Vishwakarma jayanti 2024: 17 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा का त्योहार?

Vishwakarma Jayanti Date: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ समय सुबह 6:07 बजे से 11:43 बजे तक है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की खास कृपा मिलती है.

 

Vishwakarma jayanti 2024: 17 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा का त्योहार?

Vishwakarma jayanti date and time: हर साल की तरह इस साल भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जा रही है. भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इस दिन लोग फैक्ट्रियों, उद्योगों और हर तरह की मशीनों की पूजा करते हैं. हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों की तिथि में अक्सर बदलाव होता है, लेकिन विश्वकर्मा पूजा हमेशा 17 सितंबर को ही मनाई जाती है. इस दिन पूजा करने के पीछे कई मान्यताएं हैं.

आचार्य मदन मोहन के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हुआ था. कुछ लोग मानते हैं कि भाद्रपद महीने की आखिरी तिथि पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना शुभ होता है. हालांकि, एक और मान्यता यह है कि विश्वकर्मा पूजा सूर्य के पारगमन के अनुसार तय की गई और यह दिन सूर्य संक्रांति के दिन के रूप में माना जाने लगा. इसलिए यह हर साल 17 सितंबर के आसपास ही पड़ता है और इसी दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है.

इसके अलावा इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:07 बजे से लेकर 11:43 बजे तक है. इस समय में पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. विश्वकर्मा पूजा की विधि सरल है. सबसे पहले सुबह उठकर फैक्ट्री, मशीन या वाहन की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर को पीले कपड़े पर स्थापित करें. पूजा में इस्तेमाल होने वाले औजारों और मशीनों को भी साफ करके तिलक करें. फिर भगवान विश्वकर्मा को जनेऊ, फूल माला और पांच तरह के फल तथा मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की कथा सुनें या पढ़ें और हवन करें. हवन के बाद कपूर जलाकर आरती करें। भोग में विशेष रूप से बूंदी और बूंदी के लड्डू जरूर शामिल करें.

साथ ही विश्वकर्मा पूजा का यह पर्व उद्योग और निर्माण से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन की पूजा से लोग अपने काम में प्रगति की कामना करते हैं और मशीनों, औजारों की अच्छी स्थिति की प्रार्थना करते हैं.

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