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खूंटी : खूंटी में फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की अगुवाई में राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 बिल को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई. झारखंड सरकार की मंजूरी के बाद खूंटी जिले के समस्त गल्ला किराना, मीट, मछली, मुर्गा, अंडा, सब्जी की दुकानें बंद किया गया है.
काले कानून बिल की वापसी तक जारी रहेगा संघर्ष
खूंटी चेंबर के ज्योति सिंह ने कहा है कि यह कानून किसान विरोधी व्यापार विरोधी उपभोक्ता विरोधी है. कृषि कानून बिल को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए जो भी जरूरी कदम उठाने पड़े, वो उठाएं जाएंगे. इस काले कानून बिल की वापसी तक यह संघर्ष जारी रहेगा. रांची में मोरहाबादी स्थित संगम गार्डन में राज्य स्तरीय बैठक रखी गई है.
राज्य में कम नहीं हो रही महंगाई
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार भी इसी प्रकार कृषि कानून बिल लाने का प्रयास किया था जिसका चेंबर ऑफ कॉमर्स समेत अन्य व्यवसाई वर्ग भी इसका विरोध किए थे. यह सरकार भी वही ढर्रे पर चल रही है, जबकि यह सरकार सत्ता में आई तो कहीं क्यों महंगाई चरम पर है. इसे समाप्त किया जाएगा, लेकिन आज फिर से बिल ला करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए और महंगाई में तड़का लगाने के लिए जुटी हुई है. सरकार की मनसा साफ नहीं दिखाई दे रही है.
कृषि बिल के विरोध में बंद रहेगी दुकानें
स्थानीय दुकानदार राजिक खान ने बताया कि राज्य सरकार के कृषि बिल के विरोध में खूंटी की दुकानें बंद रखी गयी है. कृषि कानून काला कानून है. जिसे लागू करना राज्य वासियों के लिए घातक है. इसके कारण कृषकों को राज्य में सामान बेचने के बजाय पड़ोसी राज्यों में सामान बेचना मजबूरी होगा. क्योंकि झारखंड में जिस प्रकार से टेक्स लगाया गया है, महंगाई और बढ़ जाएगी.
रिपोर्टर - ब्रजेश कुमार