NRC से जो नाम हटाए गए हैं वे भारतीय नहीं हैं, कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है : अमित शाह
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NRC से जो नाम हटाए गए हैं वे भारतीय नहीं हैं, कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है : अमित शाह

NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के मुद्दे पर आज मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. 

एनआरसी के मुद्दे पर आज राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को विपक्ष ने बोलने का मौका नहीं दिया

नई दिल्ली : NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के मुद्दे पर आज मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. यह हंगामा इतना बढ़ गया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका ही नहीं मिला. हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सरकार से सवाल तो करता है, लेकिन वह उस सवाल पर सरकार का पक्ष नहीं सुनना चाहता. उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह सोची-समझी साजिश है. कांग्रेस संसद में देश के विकास पर चर्चा नहीं होने देना चाहती. 

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से देश में NRC के ऊपर बहस चल रही है और यह कहा जा रहा है कि 40 लाख भारतीय नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है जबकि, वास्तविकता है कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं हैं उनके नाम NRC से हटाए गए हैं. 

40 लाख लोगों ने नाम हटाए जाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि 40 लाख का आंकड़ा कोई अंतिम आंकड़ा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण में पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. 

राजीव गांधी ने ही तैयार किया था NRC का मसौदा
इससे पहले सदन में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि सभी लोग एनआरसी पर तो चर्चा कर रहे हैं, लेकिन एनआरसी का मूल क्या है, इस पर कोई बात नहीं की गई. एनआरसी इस देश में क्यों आया, इसकी भी चर्चा इस सदन में होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एक समय असम में बड़ा आंदोलन हुआ था, असम के सैकड़ों नौजवान शहीद हुए थे. 14 अगस्त, 1985 को राजीव गांधी ने असम एकॉर्ड साइन किया था और 15 अगस्त को लाल किले के भाषण में उन्होंने इसकी घोषणा की थी.

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असम एकॉर्ड की आत्मा ही एनआरसी है. इस एकॉर्ड में कहा गया था कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर उनको हमारे सिटिजन रजिस्टर से अलग करके एक शुद्ध नेशनल सिटिजन रजिस्टर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री ने एनआरसी का मसौदा तैयार किया था. किसी भी सरकार में इसको लागू करने की हिम्मत नहीं थी, यह काम बीजेपी ने किया है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस 40 लाख- 40 लाख चिल्ला रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा करके बांग्लादेश के घुसपैठियों को बचाना चाहती है. 

इतना कहते ही राज्यसभा में हंगामा मचने लगा. और यह हंगामा इतना बढ़ गया कि उप-सभापति को सदन का कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. 

यह फाइनल लिस्ट नहीं है
मीडिया को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि आज सदन में चर्चा के दौरान सभी ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी बात रखनी शुरू की. विपक्षी दलों ने हंगामा करके अपनी बात रखने नहीं दी.उन्होंने कहा कि एनआरसी से जो नाम हटे हैं, वे पूरी जांच के बाद हटाए गए हैं. और जो नाम हटे हैं वे अपनी आपत्ति दर्ज कराकर इन पर सुनवाई की जाएगी. क्योंकि यह प्राथमिक लिस्ट है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फाइनल लिस्ट बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जो लोग भारतीय होने का सबूत पेश नहीं कर पाए, उनके नाम ही हटाए गए हैं, लेकिन अभी इस पर सुनवाई होनी बाकी है.

NRC की व्याख्या में कहा गया है कि एक-एक घुसपैठिए को चुनकर देश से बाहर किया जाएगा. 2005 में भी एनआरसी बनाने की शुरूआत की गई थी. लेकिन कांग्रेस वोटबैंक के चलते इसे लागू नहीं कर पाई. 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीति के चलते घुसपैठियों का समर्थन कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए वोटबैंक महत्वपूर्ण है देश की सुरक्षा नहीं. उन्होंने मीडिया को बताया कि उसके बाद असम के नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की. इस अपील पर कोर्ट ने ऑर्डर दिया जिसमें एक तय समय में एनडीए सरकार ने एनआरसी बनाने का काम शुरू किया था. और अब उसका एक प्राथमिक ड्राफ्ट तैयार करके 40 लाख गैर भारतीयों को उसमें शामिल नहीं किया है. 

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