Lok sabha election plan: भारतीय जनता पार्टी ने इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. इस योजना की मदद से बीजेपी विपक्ष के साथ खेला कर सकती है.
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BJP master plan for upcoming elections: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के साथ ही 2024 की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए बेजोड़ प्लान तैयार कर लिया है. अगर पार्टी के ये प्लान कारगर साबित होता है तो आने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो सकता है. बीजेपी चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के बाद गुजरात में पार्टी ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर वहां के नेताओं को उनके चुनावी टारगेट सौंप दिए गए हैं. गुजरात में मिली रिकॉर्ड जीत के बाद जश्न मनाने के बजाय पार्टी ने आगे की चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. गुजरात की बात बार-बार इसलिए भी की जाती है क्योंकि ये एक मात्र ऐसा राज्य है जहां बीजेपी पिछले 7 चुनावों में अजेय रही है. और अब गुजरात की तर्ज पर ही पार्टी आगामी 9 विधानसभा चुनावों में जाने का प्लान बना चुकी है.
सवाल ये है कि बीजेपी ने ऐसे किस प्लान पर काम किया कि गुजरात में उसे पिछले 7 बार से कोई हरा नहीं सका है और क्या देशभर में पार्टी को इस फार्मूले पर जीत मिल सकती है? बीजेपी गुजरात में मजबूत है और उसके कई कारण है. इसमें सबसे बड़ा कारण ये है कि राज्य में पार्टी और संगठन के काम अलग-अलग विभाजित हैं और दोनों तरफ के लोगों को उनकी जिम्मेदारियों को समय-समय पर बताया जाता रहा है. आज पार्टी के पास अपने हर एक कार्यकर्ता का रिकॉर्ड है. वो जब चाहें किसी भी कार्यकर्ता से बात कर सकते हैं. इससे पार्टी को जमीन पर मजबूती मिलती है.
बैठक की रूपरेखा में दिखी पार्टी की मंशा की झलक
इसी महीने दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के तुरंत बाद गुजरात में भी बैठक की गई. इस बैठक के लिए की गई तैयारी अपने आप में अनोखी थी. इसमें पार्टी के 700 नेता शामिल हुए जिनके रुकने की व्यवस्था किसी होटल में नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं के घरों में की गई थी. साथ ही ये बैठक भी किसी बड़े शहर में होने के बजाय सुरेंद्र नजर जिले में आयोजित की गई. यहां तक कि राज्य में पार्टी के मुखिया सीआर पाटिल भी कार्यकर्ता के घर ही रुके.
जीत के तुरंत बाद दिए गए टारगेट
सीआर पाटिल ने अपने नेताओं को सीधे तौर पर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में 26 सीटों पर जीत नहीं चाहिए, बल्कि बड़े अंतर से जीत चाहिए. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हार तो एक भी सीट पर मंजूर नहीं होगी. इस बैठक में उन्होंने सबसे पहले उन विधायकों की जिम्मेदारी तय की जहां पर पार्टी को सबसे कम मार्जिन से जीत मिली थी. सीआर पाटिल डेटा के साथ बताया कि 33 सीटों पर जीत का अंतर बहुत कम रहा है, इसे बढ़ाने के लिए काम करना होगा. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की स्थिति और उन्हें मिले वोट का भी जिक्र किया.
गुजरात में सक्सेस का सबसे बड़ा फार्मूला
गुजरात में 156 सीटों पर मिली ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा कारण बीजेपी की सक्रियता है. पार्टी यहां 365 दिन चुनावी मोड में काम करती है. कार्यकारिणी की बैठक में सीआर पाटिल ने जीत के बाद आराम की जगह पार्टी के नेताओं और संगठन के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी. ऐसा भी नहीं है कि पार्टी द्वारा सिर्फ जिम्मेदारियों को सौंपने का काम किया जाता है, बल्कि इसे क्रॉस चेक करने का भी एक तरीका तैयार किया गया है. पार्टी जिला स्तर पर, मंडल, ब्लॉक, पंचायत स्तर तक सौंपे गए दायित्वों की मॉनिटरिंग करती है. इससे कार्यकर्ता और जनता के बीच संपर्क स्थापित करने में मदद मिलती है. जनता को इसका अहसास होता है कि पार्टी उनकी दुख-दर्द में शामिल होती है और कार्यकर्ता को इस बात का संतोष रहता है कि पार्टी उनके कामों को महत्व देती है.
भारतीय जनता पार्टी की जीत का ये मॉडल अब हर एक राज्य में देखने को मिलने वाला है. पार्टी ने इसकी तैयारी कर ली है और आगामी 9 विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है. संगठनात्मक स्तर पर देखें तो भारतीय जनता पार्टी के अलावा किसी दूसरी पार्टी की ऐसी तैयारी नजर नहीं आती और यही कारण है कि बीजेपी इस समय बाकी किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में ज्यादा मजबूत है.
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