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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने के बाद अब टीएमसी अन्य राज्यों में अपने पैर फैला रही है. इस कड़ी में त्रिपुरा निकाय चुनावों में पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है. लेकिन बीजेपी इस चुनौती का सामने करने के लिए तैयार है और पार्टी की सांसद लॉकेट चटर्जी ने टीएमसी पर पलटवार करते हुए कहा कि त्रिपुरा में इस बार 'विकास होबे' के नारे के साथ बीजेपी आगे बढ़ेगी.
बंगाल से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि बंगाल में अगर 'खेला होबे' का मतलब 60 कार्यकर्ताओं की हत्या, एक लाख कामगारों का माइग्रेशन, गैंगरेप और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है तो ऐसा खेला अब त्रिपुरा में नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हम त्रिपुरा में 'विकास होबे' चाहते हैं.
पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में 'खेला होबे' टीएमसी का पॉपुलर स्लोगन बन गया था और पार्टी की ओर से इस नारे के साथ एक कैंपेन सॉन्ग भी तैयार किया गया था. हालांकि बीजेपी पहले से इस नारे को लेकर टीएमसी पर निशाना साधती रही है.
बीते दिन त्रिपुरा पुलिस ने टीएमसी नेता सायानी घोष को हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने शनिवार रात ‘खेला होबे’ के नारे लगा कर राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की एक बैठक में हंगामा कर दिया था. इस कदम के बाद टीएमसी भड़क गई और गृह मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया. सोमवार के पार्टी के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठाया.
पार्टी नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी की युवा नेता सायानी घोष की गिरफ्तारी के खिलाफ भी हमने विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा दिल्ली रवाना होने से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली यात्रा के दौरान, मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी. राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को भी उठाऊंगी.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के लिए कानून के मुताबिक अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जाना चाहिए.