मुंबई में सुशांत मामले की जांच करने के लिए पहुंचे बिहार के आईपीएस को जबरन क्वारंटीन किए जाने से दोनों राज्यों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है.
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पटना : मुंबई नगर निगम (BMC)ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant rajput) की मौत की जांच करने मुंबई पहुंचे बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटीन से मुक्त करने का आग्रह खारिज कर दिया है. बीएमसी का कहना है कि प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहर से आए किसी भी व्यक्ति को खुले में घूमने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इससे मुंबई में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो सकता है. बीएमसी के इस फैसले से बिहार और महाराष्ट्र सरकार के बीच कड़वाहट और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
बीएमसी के फैसले की कड़वाहट बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बयानों में दिखाई दी. डीजीपी ने कहा कि विनय तिवारी अब हमारे टच में नहीं है. हमें शंका है कि मुम्बई में टेस्ट कराकर विनय तिवारी को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुम्बई पुलिस का रवैया बहुत ही अनप्रोफेशनल है. ये ठीक नहीं. हमें सुशांत राजपूत मामले की जांच नहीं करने दी गई. हमारी टीम वहां सिर्फ तीन दिन ही काम कर पाई.
हमारी टीम के बाकी चार अफसर वहां पर छुपे हुए हैं. हम उन्हें वापस बुला रहे हैं. लेकिन मुंबई पुलिस उन्हें क्वारंटीन करने के लिए दबिश डाल रही है. मुंबई पुलिस को हमारे अधिकारियों को वापस आने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने देश को दिखा दिया कि दाल में कुछ काला है.
इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर डीजीपी ने कहा कि हमको इस मामले में कुछ नहीं कहना है. कोर्ट की ओर से जो आदेश दिया जाएगा, उसका पालन करेंगे. बता दें कि पटना के IG ने BMC के चीफ़ को पत्र लिखकर अपने एसपी सिटी विनय तिवारी को क्वारंटीन से मुक्त करने का अनुरोध किया था. लेकिन BMC ने उनका अनुरोध ठुकराते हुए जवाबी पत्र भेज दिया. जिसमें लिखा है कि कोविड- 19 प्रोटोकॉल के तहत एसपी विनय तिवारी 14 दिनों तक क्वारंटीन रहेंगे.
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