Brij Bhushan Sharan Singh: दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार एक महिला पहलवान ने दावा किया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के कथित यौन उत्पीड़न करने से वह ‘अवसाद’ में थी और उसके मन में आत्महत्या के विचार आने लगे थे.
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Brij Bhushan Sharan Singh: दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार एक महिला पहलवान ने दावा किया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के कथित यौन उत्पीड़न करने से वह ‘अवसाद’ में थी और उसके मन में आत्महत्या के विचार आने लगे थे.
दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज छह शिकायतकर्ता पहलवानों के बयानों को 1,599 पृष्ठ के आरोप पत्र में शामिल किया गया है. आरोप पत्र के मुताबिक जब उन्होंने सिंह की इच्छा का विरोध किया और “समझौता” करने से इनकार कर दिया तो सिंह ने बदला लेने की कथित तौर पर धमकी दी. सिंह महिला पहलवानों के आरोपों को खारिज कर चुके हैं. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें मामले में “फंसाया” गया है.
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिया गया बयान साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है और साक्ष्य अधिनियम के तहत अदालत में दिए गए बयान की पुष्टि या खंडन करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. एक पीड़िता ने कथित यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी का विवरण देते हुए दावा किया कि सिंह की हरकतों के कारण, वह “अवसाद” में चली गई थी और उसे “आत्महत्या के विचार आने लगे थे.”
पहलवान ने बताया, “मैंने कहा कि मैं मर जाऊंगी लेकिन सिंह के पास नहीं जाऊंगी. मैं अवसाद में चली गई थी. मेरे मन में आत्महत्या के विचार आने लगे... साथ ही यह भी सोचने लगी कि अगर मैं उनसे नहीं मिलूंगी तो वह मुझे कुश्ती नहीं लड़ने देंगे.” पहलवान ने दावा किया कि चूंकि उसने सिंह से मिलने से इनकार कर दिया था, इसलिए उसका नाम उन लोगों की सूची से हटा दिया गया जो प्रधानमंत्री से मिलने गए थे. एक अलग बयान में एक कथित पीड़िता ने आरोप लगाया कि वह और अन्य महिला पहलवान सिंह से सामना न हो जाए, इस डर से समूह में भोजन करने जाते थे.
यौन उत्पीड़न की एक अन्य कथित पीड़िता ने दावा किया कि 2009 में सिंह के साथ 'समझौता' करने से इनकार करने के बाद वह दो साल तक कुश्ती के मैदान में वापसी नहीं कर सकी. पहलवान ने दावा किया कि 2022 में ‘सीनियर नेशनल चैंपियनशिप’ के लिए चुने जाने के बाद उसे सिंह से मिलने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके दस्तावेज के सत्यापन में कुछ समस्याएं थीं. पहलवान ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में कहा, “सिंह के कहने पर, (विनोद) तोमर ने फाइल में उसके दस्तावेज की स्थिति को 'सत्यापित' से 'असत्यापित' में बदल दिया, और 'नेताजी' (सिंह) ने कहा, 'मैंने तुमसे कहा था कि मैं तुम्हें किसी भी टूर्नामेंट में खेलने नहीं दूंगा.”
तोमर डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव हैं. दिल्ली मेट्रोपोलिटन अदालत ने मंगलवार को उन्हें और सिंह को दो दिन की अंतरिम जमानत दी है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)