बड़ी कंपनियों और सरकारी नौकरियों में ऊंचे पदों पर काम करने वाले लोगों ने सरकार ने झटका दिया है. सरकार ने बजट (Budget 2021) में प्रस्ताव दिया है कि यदि कोई कर्मचारी अपने EPF में सालाना ढ़ाई लाख रुपये तक जमा कराता है तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर उसे टैक्स देना होगा.
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नई दिल्ली: यदि आप पैसों की बचत करने के लिए प्रोविडंट फंड (EPF) में ज्यादा निवेश करते हैं तो इस बार बजट (Budget 2021) से आपको मायूसी हो सकती है. सरकार ने इस बार बजट में टैक्स फ्री EPF की सुविधा खत्म कर दी है.
यदि एक साल के अंदर आपका EPF 2.5 लाख रुपये से ज्यादा बनता है तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर अब आपको टैक्स देना होगा. वहीं ढाई लाख रुपये तक के ईपीएफ पर मिलने वाला ब्याज अब भी टैक्स फ्री रहेगा. बजट में की गई सरकार की इस घोषणा से कंपनियों और सरकारी नौकरियों में ऊंचे वेतन पर काम कर रहे लोगों पर सीधा फर्क पड़ेगा.
जानकारी के मुताबिक ऊंचे वेतन वाले लोग टैक्स फ्री आय बढ़ाने के लिए अपने EPF में जमा होने वाली राशि को बढ़वा लेते थे. लेकिन अब सरकार ने उनके लिए यह छूट खत्म कर दी है. सरकार की इस पहल से सामान्य वेतन पर काम करने लाखों लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जानकारी के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2016 के बजट में भी ऐसा ही एक प्रस्ताव रखा था. उस प्रस्ताव के मुताबिक EPF के 60 प्रतिशत पर अर्जित ब्याज को टैक्स के दायरे में लाया गया था. लोगों में इस प्रस्ताव का विरोध होने के बाद सरकार ने उस पर अपने कदम वापस खींच लिए थे.
सरकार ने इस बार के बजट में यूलिप की धारा 10 (10डी) के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम पर कर छूट को हटाने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव मौजूदा यूलिप पर लागू नहीं होगा. देश में 1 फरवरी के बाद बेची गई पॉलिसी के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है.
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बजट 2021 के प्रावधानों के अनुसार इस बार 1 अप्रैल से नया वेज कोड भी आने वाला है. उसमें निर्धारित किया गया है कि बेसिक सैलरी व्यक्ति की कुल आय का कम से कम 50 प्रतिशत होनी चाहिए. इसका मतलब है कि ज्यादा बेसिक सैलरी के साथ स्ट्रक्चर बदलेगा और ऐसे में आपका EPF में योगदान भी अपने आप बढ़ जाएगा.
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