जिस नोटबंदी की आलोचना कर रहा है विपक्ष, उससे हुआ देश को बड़ा फायदा
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जिस नोटबंदी की आलोचना कर रहा है विपक्ष, उससे हुआ देश को बड़ा फायदा

सीबीडीटी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक (15 नवंबर 2018 तक) डायरेक्ट टैक्स में सकल राजस्व प्राप्ति 6.63 लाख करोड़ रुपए रही है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: डायरेक्ट टैक्स प्राप्ति में पिछले सात साल में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है. नोटबंदी का इसमें बड़ा योगदान माना जा रहा है. यही वजह है कि आयकर विभाग चालू वित्त वर्ष के लिये तय डायरेक्ट टैक्स वसूली लक्ष्य का आधे से अधिक राजस्व पहले ही प्राप्त कर चुका है. उसकी वसूली 6.63 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 

नोटबंदी से टैक्स चोरी के खिलाफ मिली बड़ी सफलता
आयकर विभाग के लिये नीति बनाने वाली संस्था सीबीडीटी की ''नोटबंदी का प्रभाव'' पर तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2016 में उच्च मूल्य वर्ग के दो नोटों 500 रुपए और 1,000 रुपए को चलन से हटाए जाने का परिणाम यह हुआ कि बड़ी मात्रा में अहम सूचना और आंकड़े विभाग को उपलब्ध हुए जिनके आधार पर की गई प्रवर्तन कार्रवाई से टैक्स चोरी के खिलाफ बड़ी सफलता मिली. इन सूचनाओं के आधार पर कर विभाग ने बड़ी संख्या में जांच और सर्वे की कार्रवाई भी की.

2018-19 के लिए प्रत्यक्ष कर प्राप्ति का लक्ष्य 11.5 लाख करोड़ रुपए
सीबीडीटी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक (15 नवंबर 2018 तक) डायरेक्ट टैक्स में सकल राजस्व प्राप्ति 6.63 लाख करोड़ रुपए रही है. यह राशि एक साल पहले की इसी अवधि में हुई वसूली से 16.4 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ''नोटबंदी का सकारात्मक असर'' है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रत्यक्ष कर प्राप्ति का 11.5 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है. आयकर विभाग के लिए लक्ष्य को हासिल करने के लिये चार माह का समय बचा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान दाखिल की गई आयकर रिटर्न की संख्या में भी लगातार वृद्धि हुई है. वर्ष 2013-14 में जहां 3.79 करोड़ रिटर्न जमा कराई गई वहीं 2017-18 में यह संख्या 81 प्रतिशत बढ़कर 6.87 करोड़ तक पहुंच गई.

नए करदाताओं की संख्या 2017-18 में पहुंची 1.07 करोड़
रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स आधार को व्यापक बनाने में काफी मदद मिली है. इस दौरान न केवल आईटीआर रिटर्न की संख्या बढ़ी है, बल्कि रिटर्न भरने वाले नए करदाताओं की संख्या 2017-18 में 1.07 करोड़ तक पहुंच गई. इससे पिछले साल यह 85.51 लाख थी. इसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसमें कहा गया है कि 2017-18 में शुद्ध डायरेक्ट टैक्स प्राप्ति 18 प्रतिशत बढ़कर 10.03 लाख करोड़ रुपए रही थी.

(इनपुट भाषा से)

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