Congress के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री मोदी के लिए महत्वपूर्ण नहीं है? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिस पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया आई है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस पर Congress ने गुरुवार को कहा है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं तो ऐसे समय में मणिपुर के मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने का क्या मतलब है? मुख्य विपक्षी दल ने मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और इस बैठक के इम्फाल के बजाय दिल्ली में होने को लेकर भी सवाल किए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री मोदी के लिए महत्वपूर्ण नहीं है? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे. सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं. साफ है, प्रधानमंत्री के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. वह स्वदेश लौटने से पहले मिस्र का भी दौरा करेंगे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका में हैं, लेकिन वह मणिपुर के बारे में खामोश हैं. उन्होंने मणिपुर के नेताओं से मुलाकात करने से मना कर दिया. हिंसा के 51 दिन बीत जाने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है.
डबल इंजन सरकार की विफलता: जयराम रमेश
जयराम रमेश ने सवाल किया कि सर्वदलीय बैठक का मतलब क्या है जब प्रधानमंत्री यहां नहीं हैं? दिल्ली में इस बैठक का क्या मतलब है जब इसे इम्फाल में होना चाहिए? जब देश का एक राज्य जल रहा है तो प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? रमेश ने दावा किया कि गृह मंत्री शाह के मणिपुर दौरे का कोई असर नहीं हुआ है, राज्य में लोगों के बीच विभाजन की स्थिति बनी हुई है तथा लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हुआ है वह ‘डबल इंजन सरकार’ की विफलता है.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं. हिंसा में अब तक करीब 120 लोगों की जान गई है और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं.
(इनपुट: एजेंसी)