Chennai News: इस घटना के बाद वीसीके पार्षद अंबेडवलवन ने मेयर आर प्रिया से मांग की कि वे उमा आनंदन के अगले तीन महीनों तक परिषद की बैठकों में हिस्से लेने पर बैन लगा दें. उनके अनुरोध को सभी डीएमके पार्षदों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया.
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Chennai BJP Councillor: चेन्नई कॉरपोरेशन काउंसिल की बैठक से बीजेपी पार्षद उमा आनंदन ने वॉकआउट कर दिया. यह लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पहली बैठक थी. जस्टिस के चंद्रू की स्कूलों में जातिगत भेदभाव को खत्म करने को लेकर आई हालिया रिपोर्ट पर उन्होंने बैठक में विरोध जताया. मीटिंग के दौरान उन्होंने उस रिपोर्ट की कॉपी भी फाड़ दी, जिससे परिषद के सदस्यों के बीच विवाद खड़ा हो गया था.
काउंसिल की बीजेपी पार्षद ने की निंदा
उमा आनंदन ने हाई कोर्ट के पूर्व जज की रिपोर्ट की आलोचना करते हुए इसे पक्षपातपूर्ण बताया और अन्य जाति-आधारित मुद्दों, जैसे तिरुपुर के पल्लदम क्षेत्र में एक ईसाई श्मशान घाट से कुछ जातियों को बाहर रखने, को न सुलझाने के लिए परिषद की निंदा की.
BJP councillor Uma Anandhan walked out of the Chennai Corporation council on Monday, held after 2024 Indian general elections, condemning Justice Chandru’s recent report on eliminating caste discrimination in schools. She earlier tore the report in the council. pic.twitter.com/eJSnmHMJ9H
— Omjasvin M D (@omjasvinMD) June 24, 2024
मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'जस्टिस चंद्रू को इस बारे में बात करनी चाहिए थी. यह पक्षपात से भरा बयान है, एक पक्षपाती जज ने यह बयान दिया है. जस्टिस चंद्रू के बयान की चेन्नई सिटी काउंसिल को आलोचना करनी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने नहीं की. इसलिए मैंने जज की रिपोर्ट फाड़ दी.'
उदयनिधि की तारीफ पर बोला हमला
जरूरी मुद्दों पर ध्यान ना देकर परिषद के उदयनिधि स्टालिन की तारीफ करने को लेकर उन्होंने काउंसिल को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, 'इस वक्त हमें ऐसी बातें करने की क्या जरूरत है? आप उदयनिधि स्टालिन की तारीफ कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का ठीक है. लेकिन उदयनिधि की तारीफों के पुल क्यों बांधे जा रहे हैं.'
इस घटना के बाद वीसीके पार्षद अंबेडवलवन ने मेयर आर प्रिया से मांग की कि वे उमा आनंदन के अगले तीन महीनों तक परिषद की बैठकों में हिस्से लेने पर बैन लगा दें. उनके अनुरोध को सभी डीएमके पार्षदों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया. हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन आनंदन की टिप्पणियों से परिषद के भीतर और जनता के बीच भारी हलचल जरूर मच गई है.