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नई दिल्ली: तिब्बत के निर्वासन में संसद की मेजबानी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले भारतीय सांसदों को चीनी दूतावास द्वारा पत्र लिखे जाने के करीब एक सप्ताह बाद भारत ने गुरुवार को पड़ोसी देश के मिशन से सांसदों की सामान्य गतिविधियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने से परहेज करने को कहा.
आपको बता दें कि चीनी दूतावास ने तिब्बत के लिए अखिल भारतीय संसदीय मंच से संबंधित कुछ सांसदों को लिखे पत्र में समारोह में उनकी उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की थी और उनसे तिब्बत के संबंध में समर्थन नहीं देने को कहा था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमने चीनी दूतावास के काउंसलर की ओर से समारोह में हिस्सा लेने के संबंध मे सम्मानित सांसदों को लिखे गए पत्र से जुड़ी खबरों को देखा है.'
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इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, 'पत्र की सामग्री, मिजाज अनुपयुक्त है. चीनी पक्ष को ध्यान देना चाहिए कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और सांसद अपने विचारों, विश्वासों के अनुसार गतिविधियां करते हैं.’
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प्रवक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष सांसदों की सामान्य गतिविधियों पर बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने से परहेज करेगा और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और जटिल बनाने से बचेगा.
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