Jammu Kashmir News: क्रिसमस पर मालामाल हो रहे कश्मीरी, विदेशों से मिले ऑर्डर से बदल गई है जिंदगी
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Jammu Kashmir News: क्रिसमस पर मालामाल हो रहे कश्मीरी, विदेशों से मिले ऑर्डर से बदल गई है जिंदगी

Christmas 2023 in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में क्रिश्चियन की आबादी बेहद कम है और इस्लाम सबसे बड़ा मजहब है. फिर भी क्रिसमस डे लोगों की जेब भरने का जरिया बन रहा है. 

Jammu Kashmir News: क्रिसमस पर मालामाल हो रहे कश्मीरी, विदेशों से मिले ऑर्डर से बदल गई है जिंदगी

Christmas Day 2023 in Jammu Kashmir: कश्मीर में ईसाइयों की आबादी भले ही कम हो लेकिन घाटी में क्रिसमस का खुमार महीनों पहले ही देखने को मिल जाता है. इसकी वजह ये है कि कश्मीर में क्रिसमस सजावट के उत्पादन की दुनिया भर में मांग है. कश्मीर के पारंपरिक पेपर मशीन निर्माताओं को क्रिसमस की सजावट के लिए न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर से इस बार हजारों ऑर्डर मिले.

कश्मीर को मिल रहे क्रिसमस के ऑर्डर

आप लोगों ने क्रिसमस ट्री, दीवारों और छतों पर क्रिसमस की सजावट टंगी देखी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजकल ज्यादातर ये क्रिसमस बॉल, बेल्स और संता कहां बनाई जाती हैं? कश्मीर के प्रसिद्ध पेपर माशी कारीगर इन सजावटी चीजों को त्योहार से महीनों पहले बनाना शुरू करते हैं. इस वर्ष क्रिसमस के लिए  ना सीरिफ़ भारत बल्कि दुनिया भर से ग्राहकों ने लाखों पेपर माशी से बने क्रिसमस सजावटी चीज़े के ऑर्डर कश्मीर के इन कारीगरों को दिये हैं. 

क्रिसमस से पहले कारीगरों ने अमेरिका और कनाडा सहित यूरोपीय देशों के लिए ऑर्डर रेडी कर भेज दिए. अब इन कारीगरों को मिडल ईस्ट से भी ऑर्डर मिल रहे हैं. वे क्रिसमस के लिए अनुकूलित अरबी शैली के क्रिसमस आइटम बना रहे हैं. यहां तक ​​कि भारत में भी लोग टिकाऊपन और पुन: उपयोग के कारण कश्मीरी पेपर माशि उत्पादों को चुनना पसंद कर रहे हैं.

अलग- अलग थीम के होते हैं ऑर्डर

कारीगर नईम मीर ने कहा, 'क्रिसमस ऑर्डर आ रहे हैं. पहले हमारे पास केवल यूरोपियन मुल्कों से ऑर्डर आते थे. वे लिमिटेड ऑर्डर होते थे, अब जो क्रिसमस का समय आ रहा है हमने देखा इसमें ग्रोथ हो रहा है. हमारे पास मिडल ईस्ट से ऑर्डर आ रहे हैं. यह अच्छी बात है. यूरोप से आने वाले ऑर्डर अलग- अलग थीम के होते हैं. वे कहते हैं कि उनके पास 6 महीने पहले से ऑर्डर आने शुरू हो जाते हैं लेकिन इस महीने सबसे ज्यादा ऑर्डर आते हैं. 

कश्मीर घाटी के कलाकारों ने इस वर्ष इन सजावटी चीजों में नए डिजाइन पेश किए हैं. वे दुनिया भर में ग्राहक बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कारीगरों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इन वस्तुओं की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है.हस्तनिर्मित इन पेपर-माशि सजावटी वस्तुओं की अत्यधिक मांग है. मांग में वृद्धि ने इन कारीगरों के चेहरों पर खुशी ला दी है जो क्रिसमस के ऑर्डर को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. कारीगर इन सजावटी वस्तुओं को समय पर पूरा करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं. 

पर्यावरण अनुकूल बनाए जाते हैं आइटम

वे बताते हैं, पहले प्लास्टिक की चीजें बनती थी, जिसकी लुक इतनी अच्छी नहीं होती थी. अब यह पेपर माशि की बनाई जाती हैं, ज़्यादा देर तक चलते हैं और खूबसूरत भी होते हैं. इसमें नेचुरल कलर होते हैं, जो आकर्षित करते हैं. यह ड्यूरेबल भी बहुत होते हैं. इन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और अपनी थीम पर उन्हें बनाया जा सकता है. 

नईम मीर कहते हैं कि नए आइटम पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ होते हैं. ये घंटियां, बॉल्स और सांता, शायद जल्द ही आपके घर पर लटक जाएंगे. पेपर-माशी फ्रांसीसी शब्द है. इसमें कच्चे कागज को सौंदर्य मनभावन वस्तु में बदल दिया जाता है. इसे हाथ से चित्रित और डिजाइन किया जाता है.

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