CAB: कांग्रेस के विरोध पर स्वामी ने याद दिलाया मनमोहन सिंह का 16 साल पुराना बयान
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CAB: कांग्रेस के विरोध पर स्वामी ने याद दिलाया मनमोहन सिंह का 16 साल पुराना बयान

नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसद जबरदस्त विरोध जाहिर करते दिखे. कांग्रेसी सांसदों के शोर-शराबे के बीच स्वामी ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर मनमोहन सिंह का 16 साल पुराना बयान दोहराया.

सुब्रमण्यम स्वामी ने बंद की कांग्रेसी सांसदों की बोलती.

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसद जबरदस्त विरोध जाहिर करते दिखे. तभी चर्चा बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बिल को लेकर अपनी बात कहनी शुरू की. कांग्रेसी सांसदों के शोर-शराबे के बीच स्वामी ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर मनमोहन सिंह का 16 साल पुराना बयान दोहराया. स्वामी ने 2003 में दिए मनमोहन सिंह के बयान को दोहराते हुए कहा, 'मनमोहन सिंह ने कहा था कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए हमें उदार होना चाहिए. बीजेपी सरकार ने मनमोहन सिंह की कही बातों को मूर्त रूप दिया है. आर्टिकल-14 नागरिकता संशोधन विधेयक को रोक नहीं सकता है. मुझे लगता है कि कांग्रेस ने ठीक से संविधान का अध्ययन नहीं किया है.' 

नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर चर्चा पूरी हो जाने के बाद वोटिंग कराई जाएगी. दोनों पक्षों के सांसद बिल को लेकर अपनी-अपनी बात रख रहे हैं.

CAB का मकसद पूर्वोत्तर में 'जातीय सफाया' : राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को नागरिकता(संशोधन) विधेयक, 2019 को 'नरेंद्र मोदी-अमित शाह सरकार द्वारा पूर्वोत्तर में जातीय सफाया करने का प्रयास बताया' और कहा कि यह लोगों पर 'आपराधिक हमला' है. राहुल ने ट्वीट किया, 'सीएबी मोदी-शाह सरकार द्वारा पूर्वोत्तर में जातीय सफाये का प्रयास है. यह पूर्वोत्तर पर, वहा के लोगों के जीवन के तौर-तरीके और भारत के विचार पर एक आपराधिक हमला है. मैं पूर्वोत्तर के लोगों के साथ खड़ा हूं और उनकी सेवा में तत्पर हूं.'

जद (यू) राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के समर्थन में
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का समर्थन करने का निर्णय लिया है. जद (यू) के सदस्य रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है. उन्होंने कहा, 'मैं इस विधेयक का समर्थन कर रहा हूं. मैं वास्तव में इस विधेयक के बारे में सदन में चर्चा को लेकर आश्चर्यचकित हूं.' उन्होंने दावा किया कि विधेयक स्पष्ट है कि जिन लोगों को धर्म के कारण सताया गया है, उन्हें नागरिकता के अधिकार दिए जाएंगे और उनकी रक्षा की जाएगी.

उन्होंने कहा, "जो भी भारत के नागरिक हैं, उनके समान अधिकार हैं. भारत की अपनी संस्कृति है. उन्होंने कहा कि लोग अनावश्यक रूप से इस पर शोरगुल मचा रहे हैं.

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उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के तीन राष्ट्रपति अल्पसंख्यक समुदाय से रहे हैं. सिंह ने कहा, 'लेकिन हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ क्या हो रहा है.' अपनी पार्टी के बारे में सिंह ने कहा, 'हम भाईचारे का समर्थन करते हैं. इस देश में अगर धर्म के नाम पर कुछ भी होता है तो हम कभी पीछे नहीं रहेंगे. हम सभी भारतीय हैं.'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया. विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक भारत के तीन पड़ोसी देशों-पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश में बेहद गंभीर हालात में रह रहे अल्पसंख्यक लोगों के लिए यह उम्मीद की किरण है. इसके साथ ही यह ऐसे लोग जो भारत आए लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिली, उनके लिए यह उम्मीद की किरण है. विधेयक को सोमवार को लोकसभा में मंजूरी दी गई.

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