नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 : नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से निवास करने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना सुगम हो जाएगा.
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नई दिल्ली : लोकसभा (Lok Sabha) के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी आसानी से पारित हो गया. राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया था, जिस पर करीब 6 घंटे की बहस भी हुई. विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है. लेकिन सदन में विधयेक के पारित होने के बाद विपक्ष की एक बड़ी मांग भी खारिज हो गई.
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दरअसल, यह मांग थी विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजे जाने की. इस पर भी उच्च सदन में वोटिंग कराई गई. पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने वोट डाले और नतीजे में विपक्ष की यह मांग सिरे से खारिज हो गई, क्योंकि स्थायी समिति के पास इसे भेजे जाने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे. शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इस तरह विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया.
नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से निवास करने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना सुगम हो जाएगा. भारत की राष्ट्रीय के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 होगी. मतलब इस तिथि के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नागरिकता पिछली तिथि से लागू होगी.
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