Himanta Biswa Sarma On Bangladesh: एक तरफ बांग्लादेशी अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार की खबरें सामने आ रही हैं, इसी बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंदू, मुस्लिम और बांग्लादेश को लेकर बड़ा दावा किया है. असम में मुस्लिमों की जनसंख्या इस तरह बढ़ रही है कि 12 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं, जानें पूरा मामला.
Trending Photos
Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश में हो हालात को लेकर बड़ा बयान दिया है. हिमंत ने दावा किया है कि आने वाले 10 से 15 साल के अंदर असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड की स्थिति भी बांग्लादेश जैसी हो सकती है. असम में 12 जिलों में हिन्दू अल्पसंख्यक बन चुके हैं.
फेसबुक लाइव में बड़ा दावा
फेसबुक लाइव में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के स्थिति को लेकर कहा कि असम, पश्चिम बंगाल और झाड़खंड के हिन्दू समाज को अपने भविष्य के बारे में चिंतित होना लाजमी है. अगले 10 या 15 साल में चाहूंगा कि ऐसी स्थिति न हो इसलिए आज ही हम अपना काम करने में जोश दिखाए.
सीमा सुरक्षित रखना, हमारा संविधानिक दायित्व
सरमा ने बताया कि सीमा सुरक्षित रखना, हमारा संविधानिक दायित्व है. लेकिन इसके साथ ही ध्यान में आता है बांग्लादेशी अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर किस प्रकार अत्याचार हो रहा है. इस्कॉन मंदिर, दुर्गा मंदिर तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया में देखा. बांग्लादेश में हिंदू को रस्सी से बांधकर पेड़ पर लटका कर हत्या करने की वीडियो भी social media में देखा. बांग्लादेश की घटना मुझे बार बार याद दिल रहा है कि असम के 12 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं.
यह भी पढ़ें:- किसने देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा? कांग्रेस के नेता का बहुत बड़ा आरोप, विनेश फोगाट पर भारत में 'दंगल'
विशेष समुदाय से लगभग 30 से 35% सरकारी भर्तियां, हिमंता का बड़ा दावा
हिमंता ने बहुत बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि मैंने एक विश्लेषण किया और देखा कि 2001 से 2014 तक असम पुलिस में एक विशेष समुदाय से लगभग 30%-35% भर्तियां हुई थीं. आज असम की सरकार, पुलिस और वन रक्षक बलों में हर धर्म, जाति और समुदाय से समावेशी रूप से भर्ती कर रही है.
दो वजहों से हिमंत को चिंता
बांग्लादेश के राजनीतिक संकट पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "बांग्लादेश में जो घटना घटी है वो हमारे लिए दो कारणों चिंतनीय है. अगर बांग्लादेश में ऐसी ही स्थिति रही तो वहां से लोग विस्थापित होकर भारत आएंगे लेकिन हमें सीमा को भी सुरक्षित करना है. उत्तर-पूर्व के सभी उग्रवादियों को शेख हसीना की सरकार में बांग्लादेश में हटाया गया था. हमारे लिए चिंता का विषय बना रहेगा कि दोबारा बांग्लादेश में उत्तर-पूर्वी के उग्रवादियों की घाटी न बने. मुझे विश्वास है कि जो भी नई सरकार बनेगी भारत सरकार उसके साथ बातचीत करेगी.
यह भी पढ़ें:- विनेश हिम्मत हारने वालों में से नहीं हैं..., राहुल गांधी का भावुक पोस्ट- पूरा देश आपकी ताकत बनकर आपके साथ खड़ा है