दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दूसरी बार सिंघु बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में शामिल होंगे. यहां वे कीर्तन पाठ में हिस्सा लेंगे. वे केजरीवाल का दूसरा दौरा है. बताते चलें कि केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के उन नेताओं में हैं, जिन्होंने कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है.
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नई दिल्ली: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 1 महीने से सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) में दिल्ली (Delhi) के सीएम अरविंद केजरीवाल दूसरी बार हिस्सा लेंगे. रविवार शाम छह बजे केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगे. और बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में शहीदी दिवस के मौके पर आयोजित कीर्तन पाठ में हिस्सा लेंगे.
इससे पहले भी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सिंघु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल जा चुके हैं. जहां दिल्ली सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के लिए खाने, पानी और टॉयलेट की व्यवस्था की हुई है. पिछली बार जब अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर गए थे तब उन्होंने कहा था कि मैं यहां मुख्यमंत्री के नाते नहीं बल्कि सेवादार के रूप में आया हूं.
महीने की शुरुआत में सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पहुंचे केजरीवाल ने कहा था, 'हमारी पूरी सरकार, विधायक, पार्टी के कार्यकर्ता, और मैं खुद, हम लोग एक सेवादार की तरह किसानों की सेवा में लगे हुए हैं. किसानों की सेवा करने के लिए यहां आया हूं. किसान 24 घंटे मेहनत करके खून पसीना बहा कर हमारी सेवा कर रहे हैं, आज किसान मुसीबत में हैं. हम सब देशवासियों का फर्ज है कि किसानों के साथ खड़े हो और उनकी सेवा करें.
बताते चलें कि केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के उन नेताओं में हैं, जिन्होंने कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. हालांकि पिछली बार जब अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर से लौट कर आए थे, तब उन्होंने केंद्र सरकार (Central Government) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर उन्हें हाउस अरेस्ट (House Arrest) करने का आरोप लगाया था. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून को लेकर कई दौर की बैठक हो चुकी है, सभी बैठकें लगभग-लगभग बेनतीजा रहीं.
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