Coronavirus Third wave होगी कितनी खतरनाक? Expert ने जताया ये अनुमान
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Coronavirus Third wave होगी कितनी खतरनाक? Expert ने जताया ये अनुमान

Coronavirus Third Wave: नई स्टडी में ब्रिटेन (UK) के डाटा, वैक्सीनेशन और कोरोना वायरस के नए  वेरिएंट का ध्यान रखा गया. जैसे जनवरी में वहां रोजाना 60,000 केस और 1,200 मौत हो रही थीं. लेकिन चौथी लहर के दौरान ये आंकड़ा 21,000 पर सिमटा और केवल 14 मौत हुईं.

फाइल फोटो: (रॉयटर्स)

नई दिल्ली: Covid-19 महामारी मॉडलिंग से संबंधित एक सरकारी समिति के एक वैज्ञानिक ने कहा है कि अगर कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) यानी कोरोना गाइडलाइंस का सही से पालन नहीं किया जाता है, तो कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave)  अक्टूबर-नवंबर के बीच चरम पर पहुंच सकती है. हालांकि इस दौरान दूसरी लहर में सामने आए दैनिक मामलों के आधे केस देखने को मिल सकते हैं.

  1. तीसरी लहर को लेकर नया पूर्वानुमान
  2. गणितीय मॉडल पर हुआ था आकलन
  3. दूसरी लहर से आधे होंगे मामले: एक्सपर्ट

नए स्ट्रेन की होगी भूमिका

'सूत्र मॉडल' या कोविड-19 के गणितीय अनुमान पर काम कर रहे मनिंद्र अग्रवाल ने कहा अगर वायरस का नया स्ट्रेन पैदा हुआ तो ऐसी स्थिति में तीसरी लहर और तेजी से फैल सकती है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पिछले साल गणितीय मॉडल का उपयोग कर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए समिति का गठन किया था.

समिति में आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिक अग्रवाल के अलावा आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिक एम विद्यासागर और एकीकृत रक्षा स्टाफ उप प्रमुख (Medical) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर भी हैं.

गलत अनुमान पर हुई थी आलोचना

इस समिति को कोविड की दूसरी लहर की सटीक प्रकृति का अनुमान नहीं लगाने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा था. अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर का अनुमान जताते समय प्रतिरक्षा की हानि, टीकाकरण के प्रभाव और एक अधिक खतरनाक स्वरूप की संभावना को कारक बताया गया है. जैसा कि दूसरी लहर की मॉडलिंग के दौरान नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट भी जल्द प्रकाशित की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हमने तीन सिनेरियो बनाए हैं. एक ‘आशावादी’ है. इसमें, हम मानते हैं कि अगस्त तक जीवन सामान्य हो जाता है और वायरस का कोई नया स्वरूप नहीं होगा. दूसरा ‘मध्यवर्ती’ है.’

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‘निराशावादी’ स्थिति का आंकलन

अग्रवाल ने आगे कहा, 'हमारा तीसरा दृष्टिकोण  ‘निराशावादी’ है. इसकी एक धारणा मध्यवर्ती से अलग है. जैसे मान लीजिए कि अगस्त में एक नया 25% अधिक संक्रामक स्ट्रेन फैलता है (यह डेल्टा प्लस नहीं है, जो डेल्टा से अधिक संक्रामक नहीं है). इस स्थिति में अगस्त के मध्य तक दूसरी लहर स्थिर होने की संभावना है. यानी तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है.'

रोजाना आ सकते हैं 2 लाख नए केस

वैज्ञानिक ने कहा कि ‘निराशावादी’ परिदृश्य के मामले में, तीसरी लहर में देश में रोजाना 1,50,000 से 2,00,000 के बीच मामले बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा ये आंकड़ा मई के पूर्वार्ध में दूसरी लहर के पीक के दौरान सामने आए मामलों से आधा है, जब अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ आ गयी थी और हजारों लोगों की मौत हो गई.

टीका बचाएगा जान 

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे टीकाकरण अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या चौथी लहर की आशंका कम होगी. अग्रवाल ने कहा कि आशावादी परिदृश्य में रोजाना मामले 50000 से 100000 हो सकते हैं. वहीं, विद्यासागर ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हो सकते हैं.

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