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ग्वालियर: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर करीब तीन महीने से किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच सरकार और किसान नेताओं के बीच 12 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि भीड़ इकट्ठा करने से कानून नहीं बदलते हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा, 'भीड़ इकट्ठा करने से कानून नहीं बदलते. किसान यूनियन (Farmer Union) बताएं कि इन कानूनों में किसानों के खिलाफ क्या है और सरकार उसमें संशोधन करने को तैयार है.'
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नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'केंद्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ किसान संगठनों से 12 दौर की बातचीत की है, लेकिन बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आपत्ति बताई जाए.' उन्होंने कहा, 'सीधा कहेंगे कानून हटा दो. ऐसा नहीं होता है कि कोई भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाए.'
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कृषि मंत्री ने कहा, 'किसान संगठन बताएं कि इन नए कानूनों में किसान के खिलाफ क्या है? लेकिन भीड़ एकत्र करने से कानून नहीं बदलता है. किसान संगठन यह तो बताएं कि आखिर कौन से प्रावधान हैं जो किसानों के खिलाफ हैं? इसे सरकार समझने को तैयार है और संशोधन करने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा कि किसान के हितों के मुद्दे पर सरकार आज भी संशोधन करने को तैयार है और इस बारे में तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी कह चुके हैं.'
बता दें कि किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पहला कानून 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020' है. इस कानून के तहत किसान सरकारी कृषि मंडियों के बाहर भी अपना अनाज बेच सकते हैं. दूसरा कानून 'कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020' है. इसके तहत कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का प्रावधान है. तीसरा कानून 'आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020' है. इस कानून के तहत असीमित भंडारण की छूट दी गई है.