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नई दिल्ली: कोरोना महामारी से जंग में वैक्सीन (Vaccine) रूपी हथियार तैयार हो चुका है. अमेरिका (America) में टीकाकरण चल रहा है और भारत (India) में भी जल्द लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी. कोरोना वायरस (CoronaVirus) से त्रस्त पूरी दुनिया वैक्सीन की आस लगाए बैठी है और अब जब कुछ कंपनियों ने वैक्सीन तैयार कर ली है, तो ठगी का एक नया खेल भी शुरू हो गया है. वैक्सीन के नाम पर लोगों को ठगने के लिए इंटरनेशनल रैकेट सक्रिय है, तरह-तरह के प्रलोभन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया जा रहा है. Zee News ने जालसाजी के इस खेल की पड़ताल की है, ताकि आप वैक्सीन के नाम पर ठगी का शिकार न हो जाएं.
कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के नाम पर ठगी करने वाले ईमेल या मैसेज के जरिए लोगों को फंसाने की कोशिशों में लगे हैं. ‘कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध है: सिर्फ 18 हजार 391 रुपये में. प्रिय ग्राहक, आपके लिए ये जानकारी महत्वपूर्ण है. कोरोना वायरस की वैक्सीन आ चुकी है, अभी बुक करें. वैक्सीन ना मिलने पर पैसे वापस. दोबारा वैक्सीन भी भेजी जाएगी’. कुछ इसी तरह से लोगों को ठगने का खेल इंटरनेट की दुनिया के शातिर खेल रहे हैं. वो लोगों के दिमाग को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं.
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Bitcoin में मांग रहे पैसा
ठगी का ये खेल कहां खेला जा रहा है, कहना मुश्किल है. लेकिन अमेरिका की बात सामने आ रही है, क्योंकि वैक्सीन को सबसे पहले मार्केट में उतारने वाली फार्मा कंपनी फाइजर अमेरिकी कंपनी है. साइबर ठग बिटकाउन के जरिए वैक्सीन के पेमेंट की बात कह रहे हैं. कुछ मैसेज में वैक्सीन के लिए 0.013136 BTC यानी बिटकॉइन की मांग की गई है, जिसकी कीमत भारतीय रुपयों में 23 हजार 103 है. इसी तरह एक अन्य मैसेज में वैक्सीन के लिए 0.015767 BTC है यानी 27 हजार 673 रुपये की मांग की गई है.
Zee News को अपनी पड़ताल में एक ईमेल हाथ लगा है, जिसमें इस ऑनलाइन गोरखधंधे का खुलासा होता है. ‘5 दिसंबर 2020 को सुबह 10.43 बजे किए गए एक ईमेल में पूछा गया है कि ‘मैं वैक्सीन कैसे खरीद सकता हूं’. इसके जवाब में 6 दिसंबर की सुबह 11: 57 बजे आए ईमेल में कहा गया है कि 14 डोज़ की कीमत 0.01 बिटकॉइन यानी लगभग 17 हजार 551 रुपये है. ये एक व्यक्ति के लिए काफी है. कृपया हमें जरूर बताइए कि आपको कितनी डोज़ चाहिए. उसी हिसाब से बिटकॉइन में चुका दीजिए’.
Madhya Pradesh में मिला Case
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वैक्सीन अलग-अलग देश बना रहे हैं, लेकिन अभी तक ये सामने नहीं आया है कि खुले बाजार में ये वैक्सीन उपलब्ध है या नहीं. इसके बावजूद लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. भारत की बात करें तो मध्यप्रदेश में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां वैक्सीन के नाम पर ठगी की कोशिश की गई. एडिशनल एसपी, साइबर क्राइम रजत सकलेचा के मुताबिक पुलिस इस मामले में कार्रवाई भी कर रही है.
लोगों को ठगने के लिए सिर्फ फिशिंग का ही इस्तेमाल नहीं हो रहा बल्कि हैकर कुछ दूसरे तरीके भी अपना रहे हैं. जैसे वो खास कैंपेन चला रहे हैं, जिसमें वैक्सीन जुड़ी जानकारी देने की बात की जा रही है. हैकर लोगों को '.EXE files' भेज रहे हैं, जिसका टाइटल Download_Covid 19 New approved vaccines.23.07.2020.exe होता है. अपने ईमेल में वो pfizers की कोविड वैक्सीन के बारे में झूठ बोलते हैं. इसके अलावा ईमेल में वैक्सीन से जुड़ी जानकारी देने की बात लिखते हैं. ये ईमेल ज्यादातर अंग्रेजी या स्पेनिश भाषा में आ रहे हैं. साइबर हमलावरों ने वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनियों का डेटा हैक करने की भी कई कोशिशें की हैं. हर दिन लाखों की संख्या वैक्सीन के डेटा चुराने की ऑनलाइन कोशिशें हो रही हैं.