दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो सुनिश्चित करे कि आवंटन के हिसाब से दिल्ली को ऑक्सीजन मिले.
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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई को लेकर मचे घमासान के बीच गुरुवार को हाई कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र सरकार (Central Government) को निर्देश देते हैं कि वह दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) और हमारे आदेशों का सख्ती से पालन करवाएं. आदेशों पर अमल न होने का नतीजा यह होगा कि हम तमाम जिंदगियों को खो देंगे और 'आपराधिक अपराध' होगा.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो सुनिश्चित करे कि आवंटन के हिसाब से दिल्ली को ऑक्सीजन मिले. कोर्ट ने केंद्र सरकार को ये भी कहा कि वो कड़ाई से गृह मंत्रालय द्वारा पारित आदेश को लागू करें जिसमें कहा गया है कि ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को फ्री मूवमेंट मिलेगा.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की उस सुझाव को ठुकरा दिया जिसमें सरकार ने कहा था कि निजी प्लेयर दिल्ली को ऑक्सीजन डोनेट कर सकते है. हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता. ये सेंट्रलाइज्ड होना चाहिए. सब केंद्र को मिलना चाहिए उसके बाद केंद्र बंटवारा करेगी.
दिल्ली HC ने दिल्ली सरकार के उस आदेश पर अपनी रोक को बरकरार रखा है जिसके तहत 36 घंटों के भीतर रिपोर्ट जारी न करने पर लैब्स के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी. रोहिणी का सरोज सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल भी ऑक्सीजन दिलाए जाने की मांग लेकर दिल्ली HC पहुंचा.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने RT-PCR टेस्ट में हो रही कमी पर सवाल उठाया. दिल्ली सरकार से पूछा कि हर दिन RT-PCR टेस्ट में कमी क्यों आ रही है? 19 अप्रैल को 68 हज़ार टेस्ट किये गए थे, 20 अप्रैल को ये घटकर 56 हज़ार रह गए. 21 अप्रैल में सिर्फ़ 45 हज़ार टेस्ट हुए. टेस्टिंग में लगातार हो रही गिरावट का कारण यह है कि दिल्ली सरकार ने कहा है कि जो लैब 24 से 36 घंटे के बीच में अपनी रिपोर्ट नहीं देंगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके कारण लैब्स ने टेस्टिंग के लिए आने वाले लोगों को मना करना शुरू कर दिया है.
इसके अलावा दिल्ली सरकार ने हवाई मार्ग से ऑक्सीजन की सप्लाई का सुझाव दिया, जिस पर कोर्ट ने कहा कि इसके कानूनी रिसर्च के अनुसार ऑक्सीजन की हवाई मार्ग से सप्लाई अत्यंत खतरनाक है, और इसकी आपूर्ति या तो रेल मार्ग से या फिर सड़क मार्ग से होनी चाहिए.
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जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हरियाणा जैसे दूसरे राज्यों के प्लांटों से दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई के केंद्र के फैसले का स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं किया जा रहा है. इसे तत्काल सुलझाने की जरूरत है. कोर्ट ने टिप्पणी उस वक्त की जब दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि हरियाणा के पानीपत से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को वहां की स्थानीय पुलिस अनुमति नहीं दे रही है. कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन ला रहे वाहनों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए और समर्पित कॉरिडोर स्थापित करे.
इससे पहले बुधवार को भी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और प्राइवेट इंडस्ट्रीज की कड़ी आलोचना की थी, और केंद्र को आदेश दिया था कि वह कोविड-19 के उपचार में ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे यहां के अस्पतालों को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराए. कोर्ट ने कहा था, ‘ऐसा लगता है कि सरकार के लिए मानव जीवन महत्वपूर्ण नहीं है.’
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