रविवार को अरविंद केजरीवाल एक बार फिर अपने आंदोलनकारी रूप में नजर आए. सीसीटीवी कैमरों के मुद्दे पर उन्होंने जनता से सीधा सवांद कायम करते हुए जनता की राय मांगी.
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नई दिल्ली : दिल्ली में सीसीटीवी लगाए जाने के मुद्दे पर रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पुराने रूप में नजर आए. इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में इस मुद्दे पर आयोजित जनता संवाद में केजरीवाल ने सभी सभा में उप-राज्यपाल की रिपोर्ट फाड़ दी. उन्होंने कहा कि यह जनता की आवाज है और वे वही करेंगे जो जनता की मर्जी होगी. उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की जरूरत है या नहीं यह एलजी या पुलिस नहीं बल्कि खुद दिल्ली की जनता तय करेगी.
मुख्यमंत्री ने सीसीटीवी के मुद्दे पर उप-राज्यपाल द्वारा बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में कहां-कहां सीसीटीवी कैमरों की जरूरत होगी, यह पुलिस जांच के बाद तय करेगी. इस पर केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता को किस चीज की जरूरत है या नहीं है, यह खुद यहां की जनता तय करेगी, न कि कोई पुलिस या उप-राज्यपाल. उन्होंने मंच से कहा कि दिल्ली की जनता ये कह रही है कि सीसीटीवी लगवाने के लिए लाइसेंस की कोई जरूरत नहीं है.
स्टेडियम में उमड़े जनसैलाव पर उन्होंने कहा कि दिल्ली महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित हैं और यहां की महिलाएं मानती हैं कि सीसीटीवी लगने से उनकी सुरक्षा मजबूत होगी.
#WATCH: Delhi CM Arvind Kejriwal tears a report of a Lieutenant Governor committee on CCTV cameras in Delhi saying, ''Janta ki marzi hai ki is report ko phaad do. Janta janardan hai jantantra mein" pic.twitter.com/eE5FYSJtJ3
— ANI (@ANI) 29 जुलाई 2018
उन्होंने अपना पुराना आंदोलनकारी रुख अपनाते हुए वहां मौजूद लोगों से पूछा कि उन्हें सीसीटीवी कैमरे चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी तभी उन्होंने सीसीटीवी कैमरों का प्रस्ताव बनाकर उप-राज्यपाल को सौंप दिया था. लेकिन एलजी ने इस पर कोई सुनवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि सरकार ने दबाव बनाकर इस काम को आगे बढ़ाया और टेंडर मांगे. केंद्र सरकार की बीईएल को टेंडर दिए जाने की कोशिश की गई तो एलजी ने फिर उसमें रोक लगा दी और एक कमेटी बना दी. इस कमेटी में पुलिस के अधिकारियों को ही रखा गया.
इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने से पहले पुलिस से लाइसेंस लेना होगा, तभी कैमरे लगाए जा सकते हैं. केजरीवाल ने कहा कि उप-राज्यपाल ने रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने के लिए यह लाइसेंस का नियम लागू करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि 'लाइसेंस का मतलब है पैसा चढ़ाओ, लाइसेंस ले जाओ.'
उन्होंने कहा कि यह पुलिस राज नहीं है, जनतंत्र है. इसलिए सीसीटीवी का लाइसेंस होना चाहिए या नहीं, यह पुलिस नहीं बल्कि दिल्ली की जनता तय करेगी. यह कहते हुए उन्होंने कमेटी की रिपोर्ट फाड़ दी.
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीति के शुरूआती दिनों में हर काम और हर फैसले के लिए जनता की राय लेने की परंपरा शुरू की थी, लेकिन जैसे-जैसे उनकी राजनीति परवान चढ़ती गई, जनता से रायशुमारी की बात पीछे होती गई. लेकिन अब फिर से अरविंद केजरीवाल ने यह राह पकड़ी है.