लाभ के पद के मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार (16 मार्च) को शुरू हुआ.
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नई दिल्लीः लाभ के पद के मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार (16 मार्च) को शुरू हुआ. हालांकि, अध्यक्ष राम निवास गोयल ने संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि मंत्री अयोग्यता की तारीख से छह महीने तक विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कैबिनेट में गहलोत के बने रहने पर अकारण ही विवाद पैदा करने की कोशिश की और उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बाधा डाली.
उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि एनसीटी कानून की धारा 43 (दो) के तहत वह (गहलोत) सदन का सदस्य रहे बिना छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं. जहां तक उनकी भूमिका की बात है कानून की धारा 11 में भी कहा गया है कि वह विधानसभा और समितियों की कार्यवाही में भागीदारी कर सकते हैं.'
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गोयल ने कहा, 'इसलिए कैलाश गहलोत को मंत्री बने रहने से रोकने का कोई आधार नहीं है.' हंगामे के कारण विपक्ष के चारों विधायकों को मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया. इससे पहले, उपराज्यपाल अनिल बैजल के आगमन के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा के तीन अन्य विधायकों- ओ पी शर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा और जगदीश प्रधान ने कहा कि केवल निर्वाचित सदस्यों को ही सभा में आने की अनुमति होनी चाहिए.
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इसके बाद हंगामा होने पर अध्यक्ष गोयल ने विधायकों को मार्शलों द्वारा बाहर निकालने का आदेश दिया. लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग की सिफारिशों के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने परिवहन मंत्री सहित आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था.